नईदुनिया प्रतिनिधि, छतरपुर। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ नेशनल पार्क में एक साथ हुए हाथियों की मौत के बाद पन्ना नेशनल पार्क प्रबंधन (पीटीआर) अलर्ट हो गया है। क्योंकि पन्ना नेशनल पार्क में बाघों के साथ हाथियों की संख्या भी बेहतर है और वह किसी तरह की चूक नहीं हो इसे लेकर पूरा फोकस कर रहा है। पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने और सतर्कता बढ़ाते हुए पीटीआर की संयुक्त पेट्रोलिंग की प्लानिंग की है। जो छतरपुर, पन्ना जिले के वन प्रबंधन के साथ पीटीआर टीम पेट्रोलिंग करेगी।
जिससे हर स्थित पर नजर रखी जा सके। पन्ना टाइगर रिजर्व में जंगल तस्करों और खनन माफियाओं की एंट्री लगातार होती रहती है। इसलिए वन्य जीवों को खतरा भी बना रहता है। पीटीआर में बाघों की संख्या पूर्व में हुई गणना के अनुसार 62 है। और हाथियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। 19 हाथियों की मौजूदगी है। तीन बच्चे भी हाथियों के कुनवा में बढ़े हैं। लगातार होती वृद्धि को लेकर कहा जा सकता है कि पीटीआर का प्राकृतिक वातावरण हाथियों बाघों सहित अन्य वन्यजीवों के लिए अनुकूल साबित होता रहा है।
पीटीआर में केन नदी सहित झील और छोटी नदिया अपना जुड़ाव रखती है। लेकिन इन नदियों के किनारे खनन माफियाओं की भी दस्तक होती रहती है इस कारण वन्य जीवों के लिए बाहरी लोगों से खतरा बन रहता है। छतरपुर पन्ना सीमा क्षेत्र में अवैध लोगों की एंट्री होने जैसी गतिविधियों सामने आती रही हैं। लेकिन जब संयुक्त पेट्रोलिंग होगी तो बाहरी लोगों की भी निगरानी बढ़ सकेगी।
पन्ना टाइगर रिजर्व को लेकर हम हमेशा गंभीर रहते हैं। वन्यजीवों को कोई परेशानी नहीं आए इसका ध्यान रखा जाता है। पूर्व में हुई गणना में 56 बाघ और 19 हाथियों की मौजदूगी है। पीटीआर की हम संयुक्त पेट्रोलिंग कराएंगे। जिससे हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
अंजना सुचिता तिक्री, फील्ड डायरेक्टर, पीटीआर