नईदुनिया प्रतिनिधि, बुरहानपुर। आदिवासी विकास विभाग के चपरासी ने शुक्रवार ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या कर ली। रेलवे पुलिस ने चपरासी बबन शेलके का शव रेलवे स्टेशन के पास सिंगल मारुति मंदिर के सामने ट्रैक से बरामद किया है। लालबाग थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सूचना मिलने के बाद मृतक बबन की पत्नी सहायक आयुक्त के कार्यालय पहुंची थी। उसने प्रभारी सहायक आयुक्त सुवर्णा खर्चे की प्रताड़ना के कारण बबन द्वारा आत्महत्या करने का आरोप लगाया है।
गत 30 अक्टूबर को उन्होंने बबन का स्थानांतरण सहायक आयुक्त कार्यालय से बहादरपुर के महाविद्यालयीन बालक छात्रावास में कर दिया था। उसकी मूल पदस्थापना भी इसी छात्रावास में थी। बावजूद इसके बबन वहां जाने का इच्छुक नहीं था।
शुक्रवार दोपहर इसी बात को लेकर उसकी बहस सुवर्णा खर्चे से हुई थी। जिसके बाद वह अपना फोन कार्यालय में ही छोड़ कर चला गया और कुछ समय बाद उसकी मौत की सूचना मिली। हालांकि विभाग ने इस आरोप को नकारते हुए बताया कि कोई बहस नहीं हुई थी।
सहायक आयुक्त गणेश भाभर और प्रभारी सहायक आयुक्त सुवर्णा खर्चे ने बताया कि शासन ने अतिशेष कर्मचारियों के वेतन को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। जिसके चलते ऐसे कर्मचारियों का वेतन आहरित करने में परेशानी होती थी। इसी के चलते बबन को उसके मूल पदस्थापना स्थल पर भेजा गया था।
इससे पहले उसे सिंधी बस्ती के छात्रावास में भी भेजा गया था, लेकिन वह वहां भी नहीं गया था। उनके अनुसार बबन को केवल बहादरपुर में ज्वाइनिंग देने के लिए कहा गया था। किसी तरह की बहस कार्यालय में नहीं हुई थी।