नईदुनिया प्रतिनिधि, बुरहानपुर। परंपरा के नाम पर हर साल दर्जनों गांवों में कराई जाने वाली पाड़ों की टक्कर को पशु क्रूरता मानते हुए जिला प्रशासन ने इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। कलेक्टर भव्या मित्तल के निर्देश पर पुलिस लगातार ऐसे मेलों का आयोजन करने वालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर रही है।
बावजूद इसके ग्रामीण पाड़ों की टक्कर का आयोजन करने से बाज नहीं आ रहे हैं। शाहपुर थाना पुलिस ने बुधवार शाम इस मामले में तीसरी एफआइआर दर्ज की है। इसमें पांच आयोजकों सहित पाड़ा मालिकों को मिला कर कुल 67 लोंगों पर बीएनएस और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
अब तक शाहपुर थाना पुलिस 87 लोगों पर प्रकरण बना चुकी है। सबसे पहला प्रकरण शाहपुर में आयोजित टक्कर का दर्ज किया गया था। जिसमें नौ लोगों को आरोपित बनाया गया था। इसके बाद फोपनार के 11 लोगों पर और अब बोदरली व आसपास के 67 लोगों पर प्रकरण दर्ज किया गया है।
थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि सीता बलडी बोदरली के रामेश्वर राठौर, सुधाकर पदमे, किरण सूर्यवंशी, संजय पराडकर और जीवन पाटिल ने मेले के आयोजन की अनुमति ली थी।
उन्होंने नियमों का उल्लंघन करते हुए वहां पाड़ों की टक्कर करा दी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पुलिस लगातार गांव-गांव संदेश प्रसारित करा रही है कि वे इस तरह के आयोजन कर पशुओं के साथ क्रूरता न करें। बावजूद इसके ग्रामीण नहीं मान रहे हैं। इसलिए पुलिस को अब पाड़ा मालिकों को भी कार्रवाई की जद में लाना पड़ा है।