Bhopal News: भोपाल। युवा कलाकारों को रंगमंच का समग्र प्रशिक्षण देकर बौद्धिक रंगकर्मी तैयार करने का कार्य इन दिनों रंगश्री लिटिल बैले ट्रुप (एलबीटी) में किया जा रहा है। केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी (एसएमए), दिल्ली के सहयोग से आहान शिक्षा संस्कृति एवं समाज कल्याण समिति, भोपाल द्वारा 27 जुलाई से 10 अगस्त तक 15 दिवसीय नाट्य कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षण के रूप में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के स्वर्ण पदक प्राप्त और संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत आलोक चटर्जी नाटक का समग्र प्रशिक्षण एनएसडकी तर्ज पर दे रहे हैं। कार्यशाला निश्शुल्क है और समय शाम चार बजे से सात बजे तक है।कार्यशाला में देश भर से आए 56 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं, जिन्हें नाटक का इतिहास और थ्योरी, यथार्थवादी शैली पर अभिनय का प्रशिक्षण, देश के रंगमंच की जानकारी, बडे़ नाटक, नाटककार, ट्रेनिंग इंस्ट्रीटयूट,बड़े अभिनेताओं की आत्मकथाएं बताई गईं। सोमवार को वाइस एंड स्पीक का अभ्यास, दृश्य निर्माण, स्क्रप्ट एनालिसिस, आवाज सही और प्रभावशाली बनाकर संवाद बोलना तथा संवाद और कविता पाठ अंतर बताया गया।आलोक चटर्जी ने सांस संबंधी अभ्यास कराए और आवाज की क्वालिटी को देखकर आंचलिक टच को दूर कर उच्चारण करना सिखाया। हिंदी पट्टी के युवाओं में व्याप्त उच्चरण संबंधी दोष दूर करना और भाव आदि के बारे में बताया।
देश भर से आए हैं युवा
आलोक चटर्जी ने बताया कि प्रशिक्षण में कुछ नए प्रतिभागी हैं तो कुछ ऐसे हैं, जो-जो अपने-अपने क्षेत्रों में थिएटर कर रहे हैं। युवाओं में दिल्ली,गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा, बनारस, टीकमगढ़, रीवा, सागर, सीधी, इंदौर,ग्वालियर, सीहोर, रायसेन के साथ-साथ भोपाल के प्रतिभागी शामिल हैं।समिति की निर्देशक शाेभा चटर्जी ने बताया कि आगामी दिनों में इंटरेक्शन सेशन में चित्रकार समेत नाट्य निर्देशकों को वक्तव्य होगा।वरिष्ठ साहित्यकार रामप्रकाश त्रिपाठी मंगलवार को साहित्य और रंगमंच में अंर्तसंबंध पर बात करेंगे। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बैद्धिक रंगकर्मी तैयार करना है।