World Physiotherapy Day: फिजियोथेरेपी कराने से टल रहा गर्भवती महिलाओं में सीजर का खतरा
आराम पसंद जीवन शैली की वजह से प्रसव में बढ़ रही जटिलता! फिजियोथेरेपी की सलाह दे रहे चिकित्सक!
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Thu, 08 Sep 2022 10:02:36 AM (IST)
Updated Date: Thu, 08 Sep 2022 10:02:36 AM (IST)
हरिचरण यादव, भोपाल। गर्भधारण से लेकर प्रसव होने तक महिलाओं को इस बात की चिंता सताती है कि कहीं आपरेशन की जरुरत न पड़ जाए। यानी सीजर डिलेवरी न करानी पड़े। इस चिंता को दूर करने में फिजियोथेरेपी सशक्त माध्यम बन गई है। यहां तक की गर्भधारण से लेकर प्रसव के पूर्व और प्रसव के बाद में भी महिलाएं फिजियोथेरेपी का सहारा लेने लगी हैं। यह चलन बढ़ता जा रहा है। जिसका नतीजा है कि कई गर्भवती महिलाएं प्रसव की सामान्य प्रक्रिया के तहत नवजातों को जन्म दे रही हैं। राजधानी के जेपी अस्पताल, हमीदिया अस्पताल व आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में हर महीने 50 से 60 गर्भवती महिलाएं पहुंच रही है। पूर्व की तुलना में यह आंकड़ा बड़ा है। इतना ही नहीं, इनमें से 90 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं सामान्य प्रसव के तहत शिशुओं को जन्म दे रही हैं।
भोपाल समेत प्रदेश भर के अस्पतालों में विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के उपलक्ष्य में गुरुवार को अलग-अलग जागरुकता कार्यक्रम होंगे। जिसमें फिजियोथेरेपी को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जोर दिया जाएगा। साथ ही विशेषज्ञों से ही फिजियोथेरेपी लेने की सलाह दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि फिजियोथेरेपी शरीर को बिना दवाईयों व आपरेशन के स्वस्थ्य रखने की एक पद्धति है। जिसमें विशेषज्ञ द्वारा मरीजों को विभिन्ना व्यायाम कराए जाते हैं। अब इनके लिए आधुनिक उपकरणों की मदद भी ली जाने लगी है। इसके बढ़ते चलने को देखते हुए प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में दो-दो फिजियोथेरेपी की नियुक्ति कर दी गई है।
गर्भवती महिलाओं के फिजियोथेरेपी की चुनिंदा पद्धति
एंगल टो मूवमेंट:- पैर के पंजे को आगे की ओर खींचना, पांच सेकंड तक गिनती करना। फिर पंजे को नीचे की ओर दबाना व पांच सेकंड तक ठहराव की स्थिति में रहना। इसके बाद धीरे-धीरे एड़ियों को फिसलाते हुए घुटने को मोड़ना। इसे हिल्स स्लाइडिंग भी कहते हैं। फिर सीधे पैर को बगैर घुटना मोड़े सीधे ऊपर उठाना, कम से कम 30 से 45 डिग्री के आकार तक। फिर दोनों पैर के घुटनों को मोड़ना, दोनों घुटनों का मिलान करना।
- ब्रीदिंग व्यायाम:- लंबी सांस लेना फिर धीरे-धीरे छोड़ना। सांस लेते समय दोनों हाथों को ऊपर ले जाना फिर सांस छोड़ते समय धीरे-धीरे नीचे लाना।
कालेजों में शुरू हो पाठयक्रम
वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट डा. सुनील पाण्डेय का कहना है कि डायबिटिज के कारण कंधो में जकड़न और लंबे समय तक कम्प्यूटर व मोबाइल का उपयोग करने की वजह से कमर व गर्दन में दर्द के मरीज बढ़ रहे हैं। कमर दर्द का मुख्य कारण अचानक से भारी सामान उठाना व बिना सावधानी बरते कमर से जुड़े व्यायाम करना है। जिसका इलाज फिजियोथेरेपी है। मेडिकल कालेजों में इसके पाठयक्रम शुरू किए जाने चाहिए। उन्होंने स्वतंत्र फिजियोथेरेपी काउंसिल की मांग दोहराई है।
सामान्य प्रसव कराने के लिए महिलाओं ने फिजियोथेरेपी को अपनाया है। इसमें विभिन्ना तरीके के व्यायाम कराए जाते हैं जो मांसपेशियों को प्रबल बनाते हैं। श्वास संबंधी व्यायाम प्रसव के दौरान महिलाओं को मदद करते हैं। प्रसव के बाद अनियंत्रित पेशाब की शिकायतों में कमी आती है।
- डा. तपस्या तोमर, वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट, भोपाल
हर महीने जेपी अस्पताल के स्त्री रोग विभाग से प्रसव पूर्व आठ से 10 गर्भवती महिलाओं को फिजियोथेरेपी की सलाह दी जाने लगी है। साधारण प्रसव कराने का यह अच्छा तरीका है, जो शरीर को सक्रिय रखता है लेकिन गर्भवती महिलाएं विशेषज्ञ की सलाह पर ही फिजियोथेरेपी को अपनाए। गर्भधारण के दौरान की कुछ अवधि में इलाज की यह पद्धति नुकसान में डाल सकती है।
- डा. दधिबल प्रसाद, वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट, जेपी अस्पताल