भोपाल। चटपटा और तला हुआ खाना। देर रात तक जगना। व्यायाम नहीं करना। इन सब आदतों की वजह से युवा तेजी से मोटापे का शिकार हो रहे हैं। इसके चलते वह हाइपरटेेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) की चपेट में आ रहे हैं।
हृदय रोग विशेषज्ञों के पास पहुंचने वाले मरीजों में 18 से 30 साल की उम्र वाले करीब 25 फीसदी तक होते हैं। पांच साल पहले यह आंकड़ा 10 फीसदी तक था। 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे के संदर्भ में शहर के कार्डियोलॉजिस्ट से बातचीत में यह जानकारी सामने आई है।
कार्डियोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा देशभर में भी पहली बार 2016 में कराए गए सर्वे में 18 से 30 साल वाले 25 फीसदी थे। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुब्रतो मंडल ने कहा ब्लड प्रेशर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। कुल आबदी में 37 से 41 फीसदी लोग इसकी चपेट में हैं। युवाओं का प्रतिशत हर पांच साल में दोगुना हो रहा है। इसकी वजह आराम पसंद जिंदगी है। 20 साल की उम्र वालों को भी हाइपरटेंशन हो रहा है।
उन्होंने बताया अमेरिकन कार्डियोलॉजी सोसायटी की 2019 की नई गाइडलाइन के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर का मापदंड और कम कर दिया गया है। पहले 90 से 140 के बीच सामान्य माना जा रहा था। नई गाइडलाइन में ऊपर का बीपी (सिस्टोलिक) 130-139 व नीचे का (डायस्टोलिक) 80-89 पर स्टेज 1 माना गया है। इसमें हाई रिस्क लोग जैसे मोटे व्यक्ति, धूम्रपान करने वाले शामिल हैं।
हमीदिया अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आरएस मीना का भी कहना है कि अस्पताल की ओपीडी में आने वाले हाई बीपी के कुल मरीजों में 30 साल की उम्र तक के 20 से25 फीसदी होती हैं। उन्होंने कहा कि लगभग आधे मरीज तो ऐसे होते हैं, जिन्हें यही पता नहीं होता कि उन्हें हाई बीपी है।
उन्होंने कहा कि हाई बीपी से हार्ट अटैक, किडनी खराब होने व ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. पंकज मानोरिया ने भी कहा कि युवा तेजी से हाई बीपी के चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को कार्डियोलॉजिस्ट से दिल की उम्र निकलवानी चाहिए।
ऐसे करें बचाव
इसलिए होता है बीपी
फैमिली हिस्ट्री, मोटापा, तनाव, ज्यादा नमक का सेवन।