भोपाल। बड़ा तालाब 12 दिन से अपने फुल टैंक लेवल (एफटीएल) पर है। लिहाजा, विगत दिनों बड़े तालाब का ड्रोन से सर्वे करवाया गया। इसमें केबल स्टे ब्रिज से लेकर खानूगांव तक का सर्वे लगभग पूरा हो गया है। इसके बाद आगे के क्षेत्र का सर्वे करवाया जा रहा है। इधर, ड्रोन सर्वे में कई खुलासे हुए हैं। इसमें सामने आया कि नगर निगम ने लेक फ्रंट के नाम से जो रिटेनिंग वॉल बनाई थी, वह पूरी तरह पानी में डूब चुकी है।
इस वॉल के ऊपर तक पानी आ गया है। इतना ही नहीं खानूगांव में कई निर्माण ऐसे पाए गए हैं, जिनकी दीवार तक बड़े तालाब का पानी आ गया है। लिहाजा, अब रिटेनिंग वॉल तोड़ी जा सकती है, ताकि पानी की वास्तविक हद का पता लगाया जा सके।
अभिकरण के लिए दोबारा मांगी सेफ्ट से रिपोर्ट
इधर, बड़े तालाब के लिए नए सिरे से बनाई जा रही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के लिए 2013 में अहमदाबाद की सेफ्ट यूनिवर्सिटी ने बड़े तालाब का जो सर्वे किया था, उसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। लिहाजा, सेफ्ट यूनिवर्सिटी से दोबारा बातचीत चल रही है। ताकि वे बड़े तालाब की वास्तविक स्थिति का सर्वे कर बताए कि आखिर तालाब किस स्थिति में है। इधर, दोबारा डीजीपीएस (डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) सर्वे भी करवाया जाएगा। इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं।
एजेंसी तय होने के बाद दोबारा नए सिरे से तालाब की हद तय होगी। इसके बाद नए सिरे से मुनारों को लगाने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जिला प्रशासन इसी के आधार पर राजस्व नक्शों में तालाब की हद को दर्ज करेगा।
क्या है रिटेनिंग वॉल मामला
नगर निगम ने 2016 में खानूगांव के किनारे एक नया बोट क्लब बनाने का काम शुरू किया था। जिसका नाम लेक फ्रंट डेवलपमेंट दिया गया था। करीब 13 करोड़ की लागत से खानूगांव से वीआईपी रोड तक 2680 मीटर दायरे में पाथ-वे, साइकिल ट्रैक व फूड जोन बनाने की तैयारी थी। इसके तहत निगम ने 6 मीटर ऊंची रिटेनिंग वॉल का निर्माण कराया था। इसमें गड़बड़ी ये की गई कि रिटेनिंग वॉल को फुल टैंक लेवल से अंदर कर दिया गया। रिटेनिंग वॉल के ऊपर जमीन को समतल करने के लिए कई पेड़ों को काट दिया गया। इसके लिए तालाब के एफटीएल में रेटिनिंग वॉल का निर्माण किया गया। जिसका शहरवासियों ने विरोध किया था।
लोगों का कहना था कि सीमेंटकंक्रीट की दीवार बनाने का कोई औचित्य नहीं है। जिसके बाद निगम ने वॉल बनाकर प्रोजेक्ट को बंद कर दिया थ
सर्वे चल रहा है
फिलहाल बड़े तालाब का ड्रोन से सर्वे करवाया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट के आने के बाद ही आगे की प्लानिंग की जाएगी। बड़े तालाब के संरक्षण को लेकर निरंतर काम चलेंगे। इसके लिए अतिक्रमण चिह्नित कर हटाए जाएंगे, लेकिन इससे पहले निर्माण संबंधी अनुमतियां खंगाली जा रही हैं।
-तरुण पिथोड़े, कलेक्टर, भोपाल