भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। अब अगले कुछ साल बाद भोपाल के आसपास छोटे स्टेशनों का विस्तार होगा। कोरोना ने इन स्टेशनों के विस्तार की योजनाओं को फिलहाल अटका दिया है। जिन स्टेशनों का विस्तार होना था, उनमें मिसरोद, निशातपुरा, सूखी सेवनिया जैसे स्टेशन शामिल हैं। रेलवे इन स्टेशनों को राजधानी के आसपास मिनी स्टेशन के रूप में विकसित करने पर विचार कर रहा था। यदि सबकुछ ठीक होता तो रेलवे अगले एक साल के भीतर इन स्टेशनों के विस्तार पर काम चालू करने वाला था, लेकिन अब विस्तार अटक गया है।
- तीनों स्टेशनों का विस्तार इसलिए है जरूरी
निशातपुरा : यह आने वाले समय में जंक्शन बन सकता है, ऐसा इसलिए क्योंकि यहां से उज्जैन, बीना और इटारसी की तरफ तीन दिशा में ट्रेनें जाती हैं। यह भोपाल स्टेशन से महज एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है।
मिसरोद : यह हबीबगंज से पांच किलोमीटर दूर इटारसी रेल मार्ग पर है। आने वाले समय में होशंगाबाद रोड, कटारा हिल्स, एम्स, बीयू, बागसेवनिया, 11 मील, शाहपुरा क्षेत्र के रहवासियों के लिए नजदीक पड़ता है। आने वाले समय में इस स्टेशन को विकसित करके रेलवे कुछ ट्रेनें रोक सकता है।
सूखीसेवनिया : यह निशातपुरा से आगे बीना रेल मार्ग पर है। आने वाले समय में यह बड़ा मिनी स्टेशन बनेगा। नई आबादी वाले हिस्सों को इसका फायदा मिलेगा।
मंडीदीप स्टेशन : आने वाले समय में मंडीदीप को और विकसित करने की जरूरत पड़ेगी। यात्रियों का कहना है कि मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र होने के साथ-साथ नई आबादी वाला क्षेत्र बन रहा है। आने वाले समय में यहां व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
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00 भोपाल-हबीबगंज स्टेशन को ये फायदे
अभी तो कम ट्रेनें चल रही हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के पूर्व सामान्य दिनों में भोपाल स्टेशन पर 24 घंटे ट्रेनों का दबाव रहता है। इस वजह से कई ट्रेनों को आउटर पर रोकना पड़ता है। यात्री परेशान होते हैं। यही स्थिति हबीबगंज रेलवे स्टेशन के साथ बनती है। यदि इन दोनों स्टेशनों पर रुकने वाली कुछ ट्रेनों को इन छोटे स्टेशनों का विस्तार कर वहां रोका जाए तो दबाव कम हो जाएगा। रेलवे आने वाले कुछ सालों में इस विकल्प पर काम भी करेगा। उस समय तक इसकी जरूरत होगी। इस संबंध में भोपाल रेल मंडल के प्रवक्ता आईए सिद्दीकी का कहना है कि अभी संभव नहीं है, लेकिन आने वाले समय में रेलवे यात्रियों को राहत देने के लिए हर विकल्प पर काम करेगा।