
भोजराज उच्चसरे, भोपाल। नई-नवेली दुल्हन..। पीहर से ससुराल पहुंची..। शौच के लिए टॉयलेट नहीं..। नारी की लज्जा का सवाल? मन में विद्रोह की ज्वाला भड़की। एक साहसभरा कदम उठाया। पति का घर छोड़ दिया। एक अलहदा घटना घटी। एक खबर बनी। बस, एक खबर ने कहानी को जन्म दिया। इसी कहानी पर फिल्म 'टॉयलेट एक प्रेमकथा' बनी है।
यूं तो अखबारों की खबरों पर गढ़ी कहानियों से फिल्में बनती आई है, लेकिन यह थोड़ी असामान्य कहानी है। जी हां, हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान से प्रेरित फिल्म 'टॉयलेट एक प्रेम कथा' का जिक्र कर रहे हैं। फिल्म की कहानी का ताना-बाना ससुराल में शौचालय नहीं होने से घर छोड़ देने वाली नव विवाहिता के साहस के इर्द-गिर्द बुना गया है। अक्सर असामान्य घटनाओं के लिए चर्चित प्रदेश के बैतूल जिले में एक ऐसी ही घटना घटी थी।
चिचोली से भीमपुर ब्लाक के झीटूढाना गांव में ब्याह कर आई अनीता बाई नर्रे ने महज दो दिन में ही अपने पति का घर छोड़ दिया था। वह इसलिए क्योंकि, उसके ससुराल में शौचालय नहीं था। घर में शौचालय नहीं होने और खुले में शौच के लिए मजबूर किए जाने की यह घटना खबर बन गई। नवदुनिया/नईदुनिया ने इस खबर को 8 दिसंबर 2011 को अपने सभी संस्करणों में प्रमुखता से पहले पेज पर प्रकाशित किया था।
कहानी का सफरनामा
नवदुनिया/नईदुनिया की खबर का कहानी और फिल्म तक का सफरनामा राजधानी भोपाल से शुरू हुआ। भोपाल के मूल निवासी और मुंबई बेस्ड एक फिल्म निर्देशक ने बैतूल जिले की महिला अनीता बाई नर्रे के साहस की कहानी स्क्रिप्ट राइटर गरिमा और सिद्धार्थ को सुनाई। लिहाजा, फिल्मी पटकथा ने जन्म ले लिया। इसी कहानी पर प्रदेश में विभिन्न लोकेशन पर फिल्म की शूटिंग भी हुई।
उप्र व मध्यप्रदेश केंद्र
वैसे पटकथा में फिल्मी तड़का लगाने के लिए उत्तरप्रदेश की पृष्ठभूमि खासकर मथुरा को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा कहानी का एक हिस्सा पूर्वी उप्र के महाराजपुर जिले के सुदूर इलाके मिठवारा ब्लाक की युवती प्रियंका के भी ससुराल में शौचालय नहीं होने से घर छोड़ देने की कहानी को भी पिरोया गया है।
अनीता व नवदुनिया/नईदुनिया को मिला था पुरस्कार
महिला अनीता के साहस की कहानी के प्रकाशित होने के बाद सुलभ इंटरनेशनल के मुखिया बिंदेश्वर पाठक ने अनीता व नवदुनिया को पांच-पांच लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया था। यह पुरस्कार तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने राष्ट्रपति भवन में अनीता शिवराम नर्रे को प्रदान किया था। नवदुनिया के लिए यह खबर लिखने वाले तत्कालीन रिपोर्टर संजय शुक्ला ने यह पुरस्कार हासिल किया था।
स्वच्छता अभियान पर आधारित
कहानी के बारे में नहीं बता सकते। हालांकि, फिल्म स्वच्छता अभियान पर आधारित है। अलग-अलग रोचक कहानियों को पिरोया गया है। - संदीप शांडिल्य फिल्म के को-प्रोड्यूसर, मुंबई