Tiger in MANIT: मैनिट परिसर में घूम रहा युवा बाघ टी-1234, लेकिन छात्रावास से है एक किमी दूर
मैनिट परिसर में बाघ के दाखिल होने की सूचना के छठवें दिन शनिवार को हुई पहचान। पकड़ने के लिए लगाए गए पिंजरे का स्थान बदला। हांका लगाकर खदेड़ने के भी किए जा रहे प्रयास। पंडित खुशीलाल आयुर्वेद अस्पताल की ओर से हुआ है दाखिल।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sun, 09 Oct 2022 08:34:38 AM (IST)
Updated Date: Sun, 09 Oct 2022 08:34:38 AM (IST)
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। मैनिट परिसर के अंदर युवा बाघ टी-1234 घूम रहा है। बाघ के दाखिल होने की सूचना के छठवें दिन शनिवार को इसकी पहचान हुई है, लेकिन ज्यादा घबराने की बात इसलिए नहीं है, क्योंकि यह मैनिट के दफ्तर व हास्टल से करीब एक किलोमीटर दूर तालाब के किनारे है। यह तालाब पं. खुशीलाल आयुर्वेद अस्पताल से सटा है और मैनिट की बाउंड्रीवाल के अंदर है। इसी क्षेत्र में बाउंड्रीवाल टूटी है, जहां से यह दाखिल हुआ है। यह बीते सोमवार रात को दिखाई दिया था। बाघ पूर्व में दो मवेशी को जख्मी कर चुका है, एक का शिकार भी कर चुका है। भोपाल सामान्य वन मंडल के अधिकारियों ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे का स्थान बदल दिया है।
10 ट्रैप कैमरे लगाए
बाघ की सुरक्षा के लिए अलग-अलग स्थानों पर 10 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। मैनिट परिसर में सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है।
50 वनकर्मी तैनात किए
सुरक्षा के लिए चार टीमें बनाई गई हैं। इनमें से दो टीम दिन में व दो टीम रात में गश्त कर रही हैं। इनमें 50 वनकर्मी शामिल हैं।
हांका लगाकर खदेड़ने की कोशिश
बाघ को खदेड़ने के लिए हांका लगाया जा रहा है। इस प्रक्रिया में जहां बाघ मौजूद होता है, उसके तीन दिशाओं में वनकर्मी होते हैं, जो आवाजें निकालते हैं, ताकि बाघ खुली हुई चौथी दिशा से बाहर निकल जाए। आमतौर पर इसके लिए हाथी की मदद ली जाती है, लेकिन वन विभाग के पास भोपाल में हाथी नहीं है।
25 मवेशी किए बाहर
मैनिट के अंदर बड़ी संख्या में मवेशी हैं, जिसे वन विभाग के अधिकारियों ने परिसर से बाहर करने की सलाह दी है। जिसके बाद मैनिट प्रबंधन ने मवेशी पकड़ने के लिए निगम की टीम बुलाई थी, टीम ने 25 मवेशियों को पकड़कर बाहर किया है।
छात्रों का भय दूर करेंगे अधिकारी
बाघ की मौजूदगी को लेकर मैनिट के छात्रों में कई तरह की चर्चा है। कुछ छात्र डरे-सहमे हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रविवार से शिविर लगाकर छात्रों का भय दूर करेंगे। उन्हें बाघ से सतर्क रहने के तरीके बताए जाएंगे।
कक्षाएं बंद नहीं कराएंगे
भोपाल सामान्य वन मंडल ने मैनिट प्रबंधन से कह दिया है कि बाघ की मौजूदगी दूर है, इसलिए भयभीत होने की जरूरत नहीं है। कक्षाएं चालू रहने दी जाएं। बस सतर्कता बरतें और तालाब वाले हिस्से में किसी को न जाने दें।
मैनिट में भ्रमण कर रहे बाघ कि पहचान टी-1234 के रूप में हुई है, जो नर बाघ है और बाघिन टी-123 की संतान है। इसकी उम्र ढाई वर्ष है। इंतजार कर रहे हैं कि वह स्वत: बाहर निकल जाए। निगरानी कड़ी कर दी है। यदि नहीं निकलता है तो आगे की योजना तय की जाएगी।
- आलोक पाठक, डीएफओ, भोपाल सामान्य वन मंडल