भोपाल। देश की सौ पावरफुल महिलाओं में मध्यप्रदेश की मां-बेटी का चयन किया गया है। अपने क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों के लिए चयनित भोपाल की स्वाति तिवारी एवं उनकी बेटी पल्लवी को 22 जनवरी को राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे।इनके साथ ही बरखेड़ी औबेदुल्लागंज पंचायत की सरपंच भक्ति शर्मा का भी चयन किया गया है।
इनका चयन केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा चार चरणों की प्रक्रिया के बाद किया गया। महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने वाली देशभर से चुनी गईं 100 महिलाओं के सम्मान में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपने निवास पर भोज का आयोजन भी किया है। मप्र के लिए यह गौरव का विषय है जब मां-बेटी राष्ट्रपति के हाथों एक साथ सम्मानित होंगी।
इन दोनों का चयन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं फेसबुक ने संयुक्त रूप से अलग-अलग विधाओं की श्रेणी में किया है। हाल ही में मप्र जनसंपर्क विभाग से अतिरिक्त निदेशक के रूप रिटायर हुए सुरेश तिवारी बताते हैं कि उनकी पत्नी स्वाति और बेटी पल्लवी को जब से राष्ट्रपति भवन से बुलावा आया है तभी से मित्र, परिजन और रिश्तेदारों के ढेरों बधाई संदेश मिल रहे है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर इन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की इस बेटी ने भौतिक सुविधाएं छाेड़कर राष्ट्र सेवा की मिसाल पेश की है।
कैंसर पर विशेष सॉफ्टवेयर
पल्लवी तिवारी (31) ने साइंस एवं रिसर्च के क्षेत्र में कम समय में ही विशेष उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। बॉयो मेडिकल इंजीनियर के रूप में कैंसर पर उन्होंने विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो कैंसर रोगियों के लिए बहुत उपयोगी माना गया। इंदौर से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट प्रदेश की बेटी पल्लवी 28 की उम्र में ही अमेरिका की यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गईं थीं। वह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और बिगा डाटा एनालिस्टिक्स के क्षेत्र में काम कर रही हैं। उनके द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर कैंसर की जटिलता और उसके इलाज की दिशा क्या होना चाहिए यह बता देता है।
साहित्य में विशेष पहचान
श्रीमती स्वाति तिवारी साहित्य के क्षेत्र में जाना-पहचाना नाम है। उनकी कहानी संग्रह, उपन्यास और वृद्धाश्रम की केस हिस्ट्री पर प्रकाशित पुस्तक को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भी सराह चुका है। उनकी 14 से अधिक प्रकाशित पुस्तकें देशभर में चर्चा में रहीं हैं। दिल्ली लेखिका संघ की सचिव रहीं स्वाति को वागीश्वरी सम्मान सहित अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं। उनकी रचनाएं अंग्रेजी सहित अन्य कई भाषाओं में अनुवादित हो चुकी हैं।