भोपाल, नईदुनिया प्रतिनिधि। प्रदेश में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए सरकार ने टास्क फोर्स समिति का गठन किया है। इस समिति का सहयोग करने के लिए छह उप समितियां भी बना दी हैं। टास्क फोर्स समिति को आत्महत्या के मामलों में अंकुश लगाने के लिए मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी दी है। दो महीने के भीतर समिति को मसौदा तैयार कर सरकार के समक्ष पेश करना होगा। इसका परीक्षण करने के बाद उसे अमल में लाया जाएगा। इसकी घोषणा शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने की है।
बता दें कि सरकार द्वारा गठित टास्क फोर्स समिति की शुक्रवार बैठक हुई है। इसमें आत्महत्या के संभावित कारणों और इन्हें रोकने के तरीकों पर बातचीत हुई है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि सभी मामलों में समिति को दस्तावेज तैयार करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि आत्महत्या के मामलों में कमी लाने के लिए समाज भी मुख्य भूमिका निभा सकता है। परिवार व समाज के लोग संवेदनशीलता बरतंे तो आत्महत्या करने वाले की पहचान की जा सकती है और उसके रोका जा सकता है।
मसौदे में इन तरीकों को किया जाएगा शामिल
- आत्महत्या करने के कारणों को कम करने के लिए कानूनी उपाय के प्रविधान किए जाएंगे।
- ऐसे व्यक्ति को समझाइश दी जाएगी, उसकी परेशानी दूर करने के प्रयास होंगे।
- ऐसे लोगों को मदद करने के लिए हर स्तर पर समझाइश देने वालों को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था की जाएगी।
- लोगों को परिपक्व बनाने की कोशिशें की जाएंगी। उन पर आत्महत्या के विचार हावी न हांे, इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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समिति में ये शामिल
टास्क फोर्स समिति में मुंबई के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. हरीश शेट्टी, पुणे के डा. ऋषिकेश वी बेहरे, मनोचिकित्सक सत्यकांत त्रिवेदी, एनएलआइयू के वाइस चांसलर डा. डी विजय कुमार, मालवांचल विश्वविद्यालय के प्रोेेेफेसर वाइस चांसलर डा. रामगुलाम राजदान, भोपाल एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डा. विजयेंद्र सिंह, वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. डीके सत्पथी, डा. राहुल रोकड़े और डा. जेपी अग्रवाल व वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. आरएन साहू को शामिल किया है।