भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। शहर में करोड़ों रुपये की लागत से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत विकसित किया जा रहा है, लेकिन जो एरिया शहर का स्मार्ट से बदहाल होता जा रहा है, उस पर ध्यान नहीं दिया जाता। शहर के प्रमुख क्षेत्र में एमपी नगर भी आता है। यह शहर का प्रमुख व्यावसायिक केंद्र भी है। इसके बाद भी सालों से यहां समस्याओं का निदान नहीं कर पाए। जबकि इसी वार्ड से नगर निगम को सर्वाधिक टैक्स भी मिलता है। सर..जरा इस क्षेत्र पर भी ध्यान दीजिए।
यह बात गुरुवार को नगर निगम के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी संदीप मंडेलकर से एमपी नगर जोन-2 में हुए संवाद के दौरान लोगों ने कही। दरअसल, 'नवदुनिया आपके द्वार" अभियान के तहत नवदुनिया ने वार्ड क्रमांक 45 में आने वाले इस क्षेत्र की समस्याओं को मुद्दा बनाकर एक खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद नगर निगम के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच लोगों की समस्याओं को सुना।
ऐसे किया संवाद
दूसरे शहरों की तर्ज पर कार लिफ्टिंग पर अमल क्यों नहीं होता
एमपी नगर में हुए संवाद के दौरान लोगों ने अधिकारियों से कहा कि पार्किंग को लेकर एमपी नगर में सबसे ज्यादा समस्या है। लोग सड़कों पर ही अपने वाहन खड़ा करते हैं। ऐसे में जाम की बड़ी समस्या होती है। बीते साल यहां यातायात पुलिस व नगर निगम के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से अभियान भी चलाया था। यहां पार्किंग की समस्या के निदान के लिए कार लिफ्टिंग जैसी व्यवस्थाएं करनी चाहिए। देश के दूसरे शहरों में यह व्यवस्था है तो भोपाल में क्यों नहीं? साथ ही स्मार्ट पार्किंग की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें, ताकि लोग इनका उपयोग कर सकें।
एमपी नगर को गुमठी मुक्त करने की दिशा में काम होना चाहिए!
संवाद के दौरान लोगों ने अतिक्रमण को लेकर भी अधिकारियों से चर्चा की। इस दौरान लोगों ने कहा कि एमपी नगर में अतिक्रमण के कारण भी हालात खराब हुए हैं। नगर निगम इन पर कार्रवाई करने के स्थान पर तहबाजारी वसूल करता है। जबकि इन पर कार्रवाई की जानी चाहिए। जो हाकर्स कॉनर्स बनाए गए हैं, वह भी अस्थाई दुकानों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा लोगों ने दुकानदारों द्वारा किए जाने वाले अतिक्रमण पर भी सवाल खड़े किए।
दुकानों पर जाकर दी स्वच्छता की समझाइश
सहायक स्वास्थ्य अधिकारी संदीप मंडेलकर ने दुकानों पर जाकर व्यापारियों को स्वच्छता की समझाइश देने के साथ क्षेत्र को बेहतर तरीके से विकसित करने के लिए सुझाव मांगे। इस दौरान अधिकांश दुकानदारों ने कहा कि प्रतिष्ठान, संस्था व दुकाने सुबह 10 बजे के बाद खुलती है। जब तक निगम के कर्मचारी सफाई कर निकल जाते हैं। फिर दोपहर को गाड़ियां आती है। ऐसे में कचरा घंटों तक दुकानों या डस्टबिन में पड़ा रहता है। लिहाजा व्यापारिक क्षेत्र में सुबह 10 बजे बाद सफाई व्यवस्था होनी चाहिए। उधर, मंडेलकर ने दुकानदारों को बताया कि पॉलीथिन का उपयोग न करें, साथ ही स्वच्छता के लिए सहयोगी बने।
नगर निगम ने चलाया सफाई अभियान
नगर निगम ने एमपी नगर में सफाई अभियान भी चलाया। अभियान की शुरुआत बोर्ड ऑफिस के पास स्थित स्मार्ट पार्किंग से की गई। इसके बाद एक दर्जन स्थानों पर नगर निगम के एक दर्जन से अधिक सफाई कर्मचारियों ने साफ-सफाई भी की। उधर, कई स्थानों पर नालियां चोक मिली। लिहाजा इन्हें भी साफ किया गया। मौके पर मौजूद सुपरवाइजर रंजीत मेहरा व शैलेंद्र परिहार ने दुकानों के बाहर सार्वजनिक स्थानों पर पानी फेंकने वालों को भी कार्रवाई की चेतावनी दी।
वर्जन-
- बिना संवाद के समस्याओं का हल नहीं होता। लोगों से मांगे सुझावों पर अमल होना चाहिए। यदि यह पहले किया जाता तो हो सकता है कि समस्या का निदान हो जाता।
शुभम मिश्रा, नौकरीपेशा।
- व्यवस्थाएं दुरुस्त करना है तो सख्ती से भी काम करना होगा। तभी लोगों की सालों पुरानी लापरवाही में सुधार होगा। शहर के लिए हम नगर निगम के साथ हैं।
यश पाठक, छात्र।
- एमपी नगर व्यापारिक क्षेत्र है। यहां सिर्फ भोपाल नहीं बल्कि अन्य शहरों के लोग भी रोजाना आते हैं। लिहाजा इस क्षेत्र में सुधार के लिए विशेष जोर देना चाहिए।
दीपक पांडे, नौकरीपेशा।
- पार्किंग की समस्या का समाधान करना बेहद जरूरी है। एमपी नगर की सबसे बड़ी समस्या यही है। इस मामले में व्यापारियों से बैठक कर समाधान निकाला जा सकता है।
मयंक सराठे, नौकरीपेशा।
- नगर निगम के साथ मिलकर हर स्तर पर सहयोग के लिए तैयार हैं। सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त रखेंगे। समय-समय पर मौके पर बातचीत होने से ही विकास हो सकेगा।
आशीष जैन, व्यापारी।