Shri Jagannath Rath Yatra:भोपाल(नवदुनिया प्रतिनिधि)। शहर की रायसेन रोड पटेल नगर स्थित इस्कान मंदिर द्वारा शनिवार को विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव मनाया जाएगा। भोपाल में यह रथयात्रा उत्सव इस्कान मंदिर की ओर से दसवीं बार आयोजित किया गया है। शाम चार बजे से रथयात्रा भोपाल टाकीज से शुरू होगी, जो यात्रा हमीदिया रोड, भारत टाकीज, रोशनपुरा चौराहा से होते हुए माता मंदिर के पास प्लेटिनम प्लाजा पर समाप्त होगी। यात्रा में 20 हजार भक्तों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। यात्रा के मार्ग में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ पर फूलों की वर्षा करेंगे। जगह-जगह कई साममाजिक, धार्मिक संगठन यात्रा का स्वागत करेंगे। यात्रा में शामिल होने से इस्कान से जुड़े कई भक्ता देश-विदेश से भी भक्तगण आ गए हैं। बता दें कि श्री भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा उत्सव कई वर्ष पुरानी परंपरा है। इसका वर्णन स्कंध पुराण, पद्म पुराण तथा अन्य कई पुराण में मिलता है। शास्त्र में वर्णन है, कि रथारूढ़ भगवान जगन्नाथ के दर्शन मात्र से जीव जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है।
तीन माह में तैयार हुआ विशेष रथ
रथयात्रा के लिए एक विशेष रथ का निर्माण तीन माह की अवधि में किया गया है। रथ की ऊंचाई 27 फीट, चौड़ाई 17 फीट और लंबाई 24 फीट है। रथ का फाउंडेशन लोहे से एवं बेस और कैनोपी के लिए सागौन की काष्ठ का उपयोग किया गया है। जिसमें दो टन लोहा और 50 घन फिट सागौन की काष्ठ लगी है। लकड़ी पर सुंदर नक्कासी एवं कैनोपी में कपड़े का कार्य भी मनमोहक होगा। रथ में काष्ठ से बने छह फिट के विशालकाय पहिया लगे हैं। रथ की उच्चता को हाइड्रोलिक लीवर के माध्यम से कम या ज्यादा किया जा सकता है। इस बार रथयात्रा के लिए एक भव्य रथ का निर्माण किया गया है। इसकी बनावट पुरी में स्थित श्रीजगन्नाथ भगवान के नंदीघोष रथ के आधार पर की गई है। रथयात्रा में भगवान श्री जगन्नाथ, बलदेव एवं सुभद्रा महारानी विराजमान होंगे।
श्रद्धालु अपने हाथों से खीचेंगे रथ
रथयात्रा के दौरान श्रद्धालु अपने हाथों से रस्सी द्वारा रथ को खींचेंगे। पूरे रथयात्रा के समय पारंपरिक हरे कृष्ण महामंत्र का संकीर्तन व प्रसाद वितरण होता रहेगा। मंदिर के गृहस्थ भक्तों द्वारा 300 किलो खाजा प्रसाद बनाया गया है, जो यात्रा के समय वितरित किए जाएंगे। भगवान जगन्नाथजी की संध्या आरती के साथ उत्सव का समापन होगा और उसके उपरांत 5000 भक्तों के लिए महाप्रसाद का आयोजन किया गया है।