Shardiya Navratri 2020: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। अगले माह 17 अक्टूबर से नवरात्र का पर्व शुरू होगा। नौ दिन तक मां भवानी के जयकारे गूंजेंगे। इस बार मातारानी घोड़े पर सवार होकर आएंगी और हाथी पर बैठकर विदा होंगी। कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार नवरात्र पर्व के दौरान शक्तिपीठों, धार्मिक स्थलों व पंडालों में मेले नहीं लगेंगे। अधिकमास के कारण एक माह की देरी से नवरात्र पर्व की शुरुआत हो रही है।
पंडित जगदीश शर्मा के अनुसार मां दुर्गा का जिस वाहन पर आगमन होता है वह भविष्य में होने वालीं घटनाओं का संकेत देता है। मातारानी के घोड़े पर सवार होकर आना युद्ध का प्रतीक है। इससे शासन और सत्ता पर असर दिखाई देगा। इसके अलावा सोना, चांदी, बर्तन और भूमि-भवन के व्यापार में तेजी आने के संकेत भी हैं।
पंडित विनोद रावत ने बताया कि मां दुर्गा का वाहन सिंह है, लेकिन हर साल नवरात्र के समय तिथि व दिन के अनुसार माताजी अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं। देवी भागवत पुराण में सप्ताह के सात दिन के अनुसार देवी के आगमन का अलग-अलग वाहन बताया गया है। अगर नवरात्र का आरंभ सोमवार या रविवार को हो तो माताजी हाथी पर आएंगी। शनिवार और मंगलवार को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा यानी कलश स्थापना हो तब माता अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र का आरंभ हो रहा हो तब माताजी डोली में सवार होकर आती हैं।
गाइडलाइन में संशोधन की मांग को लेकर सौंपे ज्ञापन
दुर्गोत्सव की गाइडलाइन में संशोधन की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद मध्यभारत व बजरंग दल ने प्रदेश के 32 जिलों में ज्ञापन सौंपे हैं। बजरंग दल के प्रांत संयोजक धीरज सिंह चौहान ने बताया कि शासन ने जो गाइडलाइन जारी की है उससे लोग निराश हैं। सरकार ने हमारी मांगों पर विचार नहीं किया है। सरकार हमारी मांग पर जल्द विचार करे ताकि उसी हिसाब से तैयारियां की जा सकें।