Science News: बरकतउल्ला विवि के शोधार्थियों ने विकसित किया कम कीमत वाला अनूठा फिल्टर, शोध क्षेत्र को मिलेगा नया आयाम
भोपाल में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के विज्ञान शोधार्थियों ने बेहद किफायती दाम वाला एक ऐसा फ्लोरेसेंट फिल्टर तैयार किया हे, जिससे कोशिकाओं में विशिष्ट प्रोटीन को चिह्नित करना सुगम हो जाएगा।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Tue, 28 Nov 2023 01:57:49 PM (IST)
Updated Date: Tue, 28 Nov 2023 01:57:49 PM (IST)
HighLights
- अभी बाजार में उपलब्ध फ्लोरेसेंट फिल्टर करीब 40 हजार रुपये तक कीमत के हैं।
- यह नया फिल्टर मात्र 10 रुपये में उपलब्ध होगा।
- इसकी मदद से कैंसर, अनुवांशिक रोग, जीवाणुओं व विषाणुओं के संक्रमण फैलाने वाली कोशिका का पता लगाना भी संभव होगा।
अंजली राय, भोपाल। देश में शोध-अनुसंधान की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के प्रयासों के बीच भोपाल स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) ने अहम नवोन्मेष किया है। यह देश में शोध और चिकित्सा क्षेत्र के लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है। विश्वविद्यालय में बेहद कम कीमत वाला फ्लोरेसेंट फिल्टर तैयार किया गया है, जिससे कोशिकाओं में विशिष्ट प्रोटीन को चिह्नित करना सुगम हो जाएगा। माइक्रोस्कोप में इसके उपयोग से अन्य जटिल अणुओं का अध्ययन भी किया जा सकेगा।
शोध को मिला पेटेंट
शोध संस्थानों में प्रयोग के साथ जीव विज्ञान के क्षेत्र में भी शोधार्थियों के लिए यह नवोन्मेष मददगार साबित होगा। साथ ही इसकी मदद से कैंसर, अनुवांशिक रोग, जीवाणुओं व विषाणुओं के संक्रमण फैलाने वाली कोशिका का पता लगाना भी संभव होगा। बीयू के बायोकेमिस्ट्री और जेनेटिक्स विभाग ने यह फिल्टर तैयार किया है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डा. रेखा खंडिया के निर्देशन में बीयू के पीएचडी विद्यार्थी उत्संग कुमार व शैलजा सिंघल के इस अहम शोध को पेटेंट भी मिल चुका है। शोधार्थियों के अनुसार इस तकनीक में हरे रंग का उपयोग कोशिका में विशिष्ट प्रोटीन का उत्पादन दर्शाने के लिए किया जाता है।
इसलिए कम है कीमत
इस फ्लोरेसेंट फिल्टर की कीमत काफी कम रखी गई है। शोध टीम के अनुसार अभी बाजार में उपलब्ध फ्लोरेसेंट फिल्टर करीब 40 हजार रुपये तक कीमत के हैं। जबकि यह नया फिल्टर मात्र 10 रुपये में उपलब्ध होगा। डा. रेखा खंडिया बताती हैं कि अभी उपलब्ध फिल्टर क्वार्ट्ज से बनते हैं जो कि काफी महंगा होता है। इसी कारण इनकी कीमत बढ़ जाती है। बीयू में नया फिल्टर जिलेटिन शीट से बनाया गया है, जो एक प्रकार का पालीमर है और कम कीमत में उपलब्ध है। डा. खंडिया के अनुसार इस फ्लोरोसेंट फिल्टर में जिलेटिन शीट के उपयोग से यह अभी प्रयोग हो रहे फिल्टर की तुलना में अधिक मजबूत भी होगा।
नए फ्लोरेसेंट फिल्टर की मदद से बड़े शोध संस्थानों और चिकित्सा जगत को आसानी होगी। कम कीमत वाला यह फिल्टर जीव विज्ञान के प्रयोगों में भी उपयोगी साबित होगा।
- डा. रेखा खंडिया, विभागाध्यक्ष, बायोकेमिस्ट्री व जेनेटिक्स विभाग, बीयू
इस महत्वपूर्ण शोध को पेंटेंट प्राप्त हो चुका है। विश्वविद्यालय में अनुसंधान व प्रायोगिक कार्यों को और बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि अधिकाधिक शोध कार्य यहां किए जा सकें।
- प्रो. एसके जैन, कुलपति, बीयू