एम्स भोपाल में जल्द मिलेगी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा, जटिल उपचार में होगी सहूलियत
एम्स प्रबंधन ने इसके लिए डाक्टरों को प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है। रोबोटिक सर्जरी शुरू करने के लिए 40 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके लिए रोबोट विदेश से खरीदे जा रहे हैं। एम्स भोपाल प्रबंधन ने टेंडर जारी किया है। रोबोटिक सर्जरी की सुविधा मिलने से यूरोलाजी, आर्थोपेडिक, कैंसर, जनरल और प्लास्टिक सर्जरी करवाने वाले मरीजों को मरीजों को फायदा होगा।
By mukesh vishwakarma
Publish Date: Sun, 04 Aug 2024 02:09:13 PM (IST)
Updated Date: Sun, 04 Aug 2024 02:09:13 PM (IST)
भोपाल में स्थित एम्स संस्थान। (प्रतीकात्मक चित्र) HighLights
- छह माह में तैयार हो जाएगा रोबोटिक सर्जरी का सेटअप।
- यूरोलाजी, आर्थोपेडिक, कैंसर के मरीजों को मिलेगा लाभ।
- जटिल उपचार के लिए मरीजों को भोपाल से बाहर नहीं जाना होगा।
मुकेश विश्वकर्मा, भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में अब डाक्टर ही नहीं रोबोट के हाथों भी जटिल आपरेशन किया जाएगा। इस वर्ष के अंत तक यह सुविधा एम्स भोपाल में मिलने वाली है। इसके लिए तैयारियां जारी है। एम्स प्रबंधन ने इसके लिए डाक्टरों को प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है। रोबोटिक सर्जरी शुरू करने के लिए 40 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके लिए रोबोट विदेश से खरीदे जा रहे हैं। एम्स भोपाल प्रबंधन ने टेंडर जारी किया है। रोबोटिक सर्जरी की सुविधा मिलने से यूरोलाजी, आर्थोपेडिक, कैंसर, जनरल और प्लास्टिक सर्जरी करवाने वाले मरीजों को मरीजों को फायदा होगा।
जानकारी के अनुसार अभी तक प्रदेश में केवल इंदौर के एक निजी अस्पताल में ही यह सुविधा उपलब्ध है। ऐसा होने से अब मरीजों को भोपाल के बाहर जाकर रोबोटिक सर्जरी नहीं करवानी पड़ेगी। बता दें कि दिल्ली एम्स, ओपोलो, फोर्टिस व टाटा मेमोरियल अस्पताल मुंबई सहित बड़े शहरों के कुछ अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी की जा रही है।
कैंसर के मरीजों को मिलेगा खास फायदा
रोबोटिक सर्जरी शुरू होने का खास फायदा कैंसर के मरीजों को मिलेगा। इसकी मदद से प्रोस्टेट कैंसर, पेशाब की थैली का कैंसर, किडनी का कैंसर का आपरेशन किया जा सकेगा। इस रोबोट सर्जरी की शुरुआत यूरोलाजी विभाग से होगी। इसके बाद इसका उपयोग अन्य विभागों में होगा। इसके लिए डाक्टरों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हाल में यूरोलाजी विभाग के डा. केतन मेहता ने आस्ट्रिया से रोबोटिक सर्जरी का कोर्स करके आए हैं। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मप्र में पहली बार यह सुविधा शुरू होगी।
ये होगा फायदा
- शरीर के जटिल अंदरूनी हिस्सों में आसानी से आपरेशन।
- पूरा आपरेशन एक छोटे से छिद्र से होगा।
- रक्तस्राव भी न के बराबर होगा।
- थ्रीडी कैमरों से डाक्टर उन हिस्सों में देख सकते हैं, जहां आंखें नहीं देख सकते।
ऐसे होती है रोबोटिक सर्जरी
डा. केतन मेहता ने बताया कि दुनिया में यूरोलाजी में रोबोटिक सर्जरी सबसे ज्यादा की जा रही है। परंपरागत आपरेशन की अपेक्षा रोबोटिक सर्जरी ज्यादा कारगर है। इसमें सर्जन की जगह रोबोटिक आर्म काम करते हैं। आपरेशन करने वाला डाक्टर एक कमरे में बैठकर इलेक्ट्रानिक कंसोल के जरिए रोबोट को कमांड देता है। रोबोटिक मशीन के हाथ भी काफी स्किल्ड होते हैं। रोबोटिक आर्म शरीर के उन हिस्सों में पहुंचकर आपरेशन करते हैं, जहां मानव हाथ नहीं पहुंच सकते। रोबोटिक सर्जरी में सर्जन को थ्रीडी विजन मिलता है। यह सर्जरी वर्तमान में चल रहीं लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से काफी एडवांस है।
एम्स भोपाल में जल्द ही मरीजों के लिए रोबोटिक सर्जरी की सुविधा करने जा रहे हैं। रोबोटिक सर्जरी के लिए टेंडर शुरू हो गया है। डाक्टरों को भी विदेशों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अन्य उपकरण जल्द ही खरीदे जाएंगे।
- प्रो. (डा.) अजय सिंह, कार्यपालक निदेशक, एम्स भोपाल।