राजीव सोनी, भोपाल। त्रेता युग में भगवान राम 14 साल के वनवास के दौरान मौजूदा मध्य प्रदेश के जिन-जिन रास्तों से होकर गुजरे थे, राज्य सरकार पिछले 16 सालों में उन्हें चिन्हित और खोजने में विफल रही है। 15 साल तक प्रदेश में भाजपा की सरकार रही लेकिन वह भी 'राम वनगमन पथ" जमीन पर नहीं उतार पाई। विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान कांग्रेस ने भी अपने वचन-पत्र में राम का रास्ता खोजने का एलान किया था। मौजूदा कांग्रेस सरकार भी अपनी पहली वर्षगांठ मना चुकी है पर अब तक राम पथ को लेकर कार्ययोजना ही नहीं बनी है।
2004 में आया था पहला प्रस्ताव
मप्र में सबसे पहले वर्ष 2004 में सरकार के समक्ष 'राम वन गमन पथ" योजना का प्रस्ताव आया था, उसके तीन साल बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राम पथ खोजने की घोषणा की थी, लेकिन उनके पूरे कार्यकाल के दौरान योजना पर काम शुरू नहीं हो पाया। मौजूदा कांग्रेस सरकार में भी विचार-विमर्श की ही कवायद चल रही है।
अध्यात्म विभाग को सौंपा जिम्मा
वनवास के दौरान भगवान राम मप्र में जहां रुके थे, ऐसे स्थानों की संख्या करीब एक दर्जन बताई गई है। उन्हें धार्मिक पर्यटन के लिहाज से विकसित किए जाने की योजना पर काम चल रहा है। सरकार ने यह काम अध्यात्म विभाग को सौंपा है।
रामचरित मानस में वर्णित स्थानों को व्यापक स्तर पर विकसित करने के लिए वास्तुविदों को विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन बनाने को कहा गया है। इसमें औद्योगिक घरानों की दिलचस्पी तलाशी जा रही है। वर्ष 2008 में संस्कृति विभाग ने सभी क्षेत्रों (इतिहास, भूगोल, संस्कृत और धर्म-दर्शन शास्त्र) के विद्वानों की समिति बनाकर 'राम वनगमन पथ" योजना पर शोध भी कराया, अब उस रिपोर्ट की धूल झाड़ी जा रही है।
मप्र के छह जिलों व मौजूदा छग होते हुए गए थे रामेश्वरम्
पौराणिक मान्यता है कि हजारों साल पहले त्रेता युग में 14 साल के वनवास के दौरान भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ मौजूदा मप्र में सतना जिले के चित्रकूट से दाखिल होकर अमरकंटक और छत्तीसगढ़ होते हुए रामेश्वरम् की ओर रवाना हो गए थे।
इस दौरान वे सतना, रीवा, पन्नाा, छतरपुर, शहडोल और अनूपपुर जिलों की सीमा से निकले थे। चित्रकूट परिक्रमा मार्ग पर पीली कोठी ट्रस्ट के स्वामी डॉ. दिव्यानंद और प्रभुतानंद कहते हैं कि चुनाव के दौरान 'राम पथ" की खूब चर्चा रही। क्षेत्रवासी और साधु-संत डेढ़ दशक से 'राम पथ" का इंतजार कर रहे हैं। चित्रकूट में कहीं-कहीं बोर्ड भी लगे हैं।
मुख्यमंत्री के सामने होगा प्रेजेंटेशन
अध्यात्म एवं जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि 'राम वन गमन पथ" को भव्य स्वरूप में बनाने की योजना है। 'थीम पार्क" और कार्ययोजना का निर्माण अंतिम दौर में है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने योजना का प्रेजेंटेशन किया जाना है। उनकी हरी झंडी मिलने के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा।