Raman Spectrometer: दक्षा वैदकर,भोपाल। भारतीय विज्ञानी सीवी रमन ने 1928 में 'रमन प्रभाव" की खोज की थी, इसके बावजूद भारत अब तक परिष्कृत रमन स्पेक्ट्रोमीटर विदेश से आयात कर रहा था। तकनीक खोजे जाने के 94 वर्ष बाद भारत ने स्वदेशी रमन स्पेक्ट्रोमीटर तैयार कर लिया है। यह 'आत्मनिर्भर भारत" और 'स्किल इंडिया" की दिशा में बड़ा कदम है।
काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च - एडवांस्ड मैटीरियल एंड प्रोसेस रिसर्च (सीएसआइआर-एम्प्री)भोपाल और मेसर्स टेक्नोस इंस्ट्रूमेंट्स, जयपुर ने संयुक्त रूप से इसे तैयार किया है। रमन स्पेक्ट्रोमीटर के दो माडल इंडीरैम सीटीआर -300 और इंडीरैम सीटीआर 150 तैयार किए गए हैं। दोनों माडल के व्यावासायिक उपयोग की अनुमति मिल चुकी है।
सीएसआइआर की न्यू मिलेनियम इंडियन टेक्नोलाजी लीडरशिप इनिशिएटिव (एनएमआइटीएलआइ) प्रोग्राम के तहत इसे तैयार किया गया है। इसे सीएसआइआर-एम्प्री, भोपाल के निदेशक डा अवनीश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति और राजीव गांधी सेंटर फार बायोटेक्नोलाजी के निदेशक प्रो चंद्रभास नारायण की अध्यक्षता वाली संचालन समिति ने स्वीकृत किया है। डा. श्रीवास्तव ने बताया कि इसकी आधिकारिक लाचिंग सीएसआइआर के उच्च अधिकारियों द्वारा किया जाना बाकी है। उम्मीद है कि जून में यह हो सकेगा।
25 से 30 प्रतिशत कम लागत
अभी तक भारतीय कंपनियां यूएस, कनाडा, मैक्सिको, जापान आदि देशों से 'रमन स्पेक्ट्रोमीटर" खरीद रही थीं, लेकिन अब वे मेड इन इंडिया का खरीद सकेंगी, जो विदेश से आयात किए जाने वाले स्पेक्ट्रोमीटर से 25 से 30 प्रतिशत कम लागत का होगा। इससे न केवल देश में कौशल विकसित होगा, बल्कि लोगों को रोजगार भी मिलेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि भारत की विदेशी मुद्रा बचेगी।
यहां होता है इसका उपयोग
रमन स्पेक्ट्रोमीटर का प्रयोग दवा बनाने वाली कंपनियों में दवाइयों को जांचने में, सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनियों में उत्पादों के घटकों की पहचान करने में, फूड इंडस्ट्री में खाद्य पदार्थों की शुद्धता परखने में, हीरे की गुणवत्ता जानने में, भू-विज्ञान और खनिज विज्ञान में पत्थरों आदि को परखने में, पर्यावरण विज्ञान में नैनो मैटीरियल प्लास्टिक आदि की पहचान करने में, जीव विज्ञान में डीएनए/आरएनए का विश्लेषण करने में, ड्रग सेल इंटरैक्शन, सिंगल-सेल विश्लेषण, सेल सार्टिंग करने, कैंसर निदान, हड्डी संरचना, फोटोडायनामिक थेरेपी आदि कामों में किया जाता है।
माडल 1 : इंडीरैम सीटीआर -300 -
इसकी कीमत 50 लाख से लेकर तीन करोड़ रुपये तक है। यह मल्टीपल लेजर, मल्टीपल डिटेक्टर, रमन इमेजिंग, उच्च तापमान और निम्न-तापमान चरण, ध्रुवीकरण सहायक उपकरण आदि में अपग्रेड करने योग्य है।
माडल 2 : इंडीरैम सीटीआर-150 - इसकी कीमत 25 लाख 35 लाख रुपये तक है। यह कम लागत वाले समाधान के लिए है, जो उच्चस्तरीय प्रयोगशालाओं, उन्नात प्रयोगशालाओं, फोरेंसिक विभाग और निजी उद्योग जैसे फार्मा, खाद्य, जीइएम, आदि के लिए लक्षित है।