राज्य ब्यूरो, नईदुनिया . भोपाल : प्रदेश के जिन अस्पतालों में सर्जरी के लिए ऑपरेशन थियेटर व अन्य संसाधन उपलब्ध हैं, वहां विशेषज्ञ की कमी के कारण सर्जरी नहीं रुकेगी। सर्जरी और एनेस्थीसिया देने के लिए निजी डॉक्टरों की सेवाएं ली जा सकेंगी। इसका लाभ यह होगा कि जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी डॉक्टरों की कमी से सर्जरी का काम प्रभावित नहीं होगा।
सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है। अभी यह व्यवस्था मात्र आयुष्मान रोगियों के लिए की गई है। बाद में अन्य पर भी लागू किया जा सकता है। आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
सेवाएं देने वाले डॉक्टरों के लिए भुगतान की दरें भी निर्धारित कर दी गई हैं। भुगतान मासिक आधार पर किया जाएगा। सर्जिकल विशेषज्ञों को संबंधित बीमारी में आयुष्मान योजना में निर्धारित पैकेज की कुल राशि का 21.6 प्रतिशत दिया जाएगा। एनेस्थीसिया विशेषज्ञ को 10.8 प्रतिशत मिलेगा। सर्जरी करने वाले डॉक्टर की ऑपरेशन के पहले से लेकर फालोअप तक उपचार की पूरी जिम्मेदारी होगी।
आयुष्मान योजना में सर्जरी के 99 प्रतिशत पैकेज में राशि दो हजार से ऊपर है। उदाहरण के तौर पर सबसे सामान्य मानी जाने वाली गठान की सर्जरी का पैकेज 2000 रुपये, साइनस की सर्जरी के 5000 रुपये, नसबंदी के दो हजार रुपये है। अब देखना होगा कि सरकार की इस योजना में निजी डॉक्टर कितनी रुचि लेते हैं?
जिला अस्पताल और अन्य अस्पतालों के लिए अनुबंध के संबंध में अलग-अलग समितियां बनेंगी। जिला अस्पताल के लिए सिविल सर्जन और जिले के अन्य अस्पतालों के लिए सीएमएचओ की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। अनुबंध अधिकतम एक वर्ष के लिए किया जाएगा।