भारतीय चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा, आयुर्वेद के डेढ़ सौ और दो सौ स्नातक सीट वाले कालेज भी खोलने की तैयारी
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग ने प्रारूप जारी कर मांगे सुझाव ।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Tue, 28 Feb 2023 05:46:13 PM (IST)
Updated Date: Tue, 28 Feb 2023 05:46:13 PM (IST)
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। केंद्र सरकार भारतीय चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा दे रही है। इसमें भी सबसे ज्यादा जोर आयुर्वेद पर है। देशभर में आयुर्वेद चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने के लिए नए नियम बनाए जा रहे हैं। अब डेढ़ सौ और दो सौ स्नातक (बीएएमएस) सीट वाले कालेज भी खोलने की तैयारी है।
इसके लिए भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएम) ने ड्राफ्ट जारी कर आम लोगों से सुझाव मांगे हैं। अभी अधिकतम 60 और सौ सीट वाले कालेज ही खोलने का नियम है।
सीटों की संख्या डेढ़ सौ या दो सौ करने अथवा इतनी सीट वाले नए कालेज शुरू करने के लिए ज्यादा संसाधनों की आवश्यकता होगी। दो सौ बीएएमएस सीटों के लिए अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या दो सौ और ओपीडी में प्रतिदिन मरीजों की संख्या चार सौ से अधिक होनी चाहिए।
इसी तरह से डेढ़ सौ सीटों की मान्यता के लिए भर्ती मरीजों की संख्या डेढ़ सौ और ओपीडी में प्रतिदिन तीन सौ मरीज होने चाहिए। दो सौ सीटों के लिए शिक्षकों की संख्या (व्याख्याता, सह प्राध्यापक और प्राध्यापक मिलाकर) 90 और डेढ़ सौ सीटों के लिए 70 होनी चाहिए।
अभी सौ सीटों के लिए 45 शिक्षकों की आवश्यकता है। इस तरह एनसीआइएसएम गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं करेगा। नियम बनने के बाद बड़ा लाभ यह होगा कि बिना अतिरिक्त कालेज खोले ही देशभर में निजी और सरकारी कालेजों में बीएएमएस की सीटें बढ़ जाएंगी। बता दें कि मध्य प्रदेश में 33 सहित देशभर में साढ़े चार सौ से ज्यादा आयुर्वेद कालेज हैं।
इनका कहना है
निश्चित रूप से डेढ़ सौ से दो सौ बीएएमएस सीट वाले कालेज खुलने व आयुर्वेद सीटें बढ़ने से देश को प्रतिवर्ष 10 हजार से ज्यादा नए डाक्टर मिल सकेंगे। हालांकि केंद्रीय आयुष मंत्रालय और एनसीआइएसएम को मापदंडों का कड़ाई से पालन कराना चाहिए।
डा.राकेश पाण्डेय, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आयुष मेडिकल एसोसिएशन।