भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यापमं घोटाले और इससे जुड़े कई व्यक्तियों की मौत के बाद हाईकोर्ट को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग कराने को कांग्रेस ने राजनीतिक ड्रामा करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने खुद को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का अपमान किया है। उन्हें पता था कि सुप्रीम कोर्ट ने व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच की याचिकाएं सुनवाई के लिए मंजूर कर ली है और हाईकोर्ट अपेक्स कोर्ट में मामला होने से कोई फैसला नहीं देगा, फिर भी उन्होंने हाईकोर्ट को पत्र लिखा।
हाईकोर्ट के फैसले से यह बात साफ भी हो गई। नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने मुख्यमंत्री पर अपराध दर्ज करने की मांग उठाई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यादव ने बुधवार को कहा कि व्यापमं मामले में मुख्यमंत्री चारों ओर से घिर चुके हैं, उन्होंने बचने के लिए हाईकोर्ट को सुरक्षा कवच बनाने की कोशिश की। यदि वे सीबीआई जांच के प्रति गंभीर होते तो कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को भेजते। व्यापमं घोटाले से जुड़े कई व्यक्तियों की मौत से उठे बवंडर को थामने के लिए सीएम 24 घंटे पूर्व कही बात से ही पलट गए। नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट का अपमान किया है।
जब सुबह साढ़े दस बजे ये साफ हो गया था कि सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच को लेकर सुनवाई होगी तो उन्हें हाईकोर्ट जाना ही नहीं था। सुप्रीम कोर्ट के अपमान का मामला मुख्यमंत्री पर दर्ज होना चाहिए। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को हाईकोर्ट का पत्र लिखना सोची-समझी साजिश थी। वे भलि-भांति जानते थे कि सुप्रीम कोर्ट में मामले होने पर हाईकोर्ट कोई व्यवस्था नहीं देगा, इसलिए जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया। दरअसल, मुख्यमंत्री की रूचि केवल अपनी कुर्सी बचाने में है। उन्हें इस मामले से प्रदेश की साख पर जो बट्टा लगा है उससे कोई लेना-देना नहीं है।