Panna Tiger Reserve: भोपाल(राज्य ब्यूरो)। पन्ना टाइगर रिजर्व और आसपास के क्षेत्र में बाघों के शिकार की घटनाओं के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चिंता भी वन अधिकारियों को अपने काम के प्रति गंभीर नहीं कर पाई। सात दिसंबर 2022 को फंदे पर लटके मिले बाघ के शव को देखकर मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाकर चिंता जताई थी और सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए थे, पर एक माह भी पूरा नहीं हुआ और पार्क के अंदर एक और युवा बाघ को करंट लगाकर मार दिया गया। उसके साथ मादा हायना की भी मौत हुई है। वह भी करंट की चपेट में आ गई थी।
पार्क प्रबंधन ने खुद स्वीकार किया है कि शिकार के लिए तार बिछाकर करंट प्रवाहित किया गया था और इस बार भी अधिकारी शिकारी के प्रति सहानुभूति दिखा रहे हैं।
पन्ना पार्क से सटी उत्तर वनमंडल की विक्रमपुर बीट में सात दिसंबर 2022 को एक युवा बाघ फंदे पर लटका मिला था। खबर बाहर आई, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आपात बैठक बुलाकर वन अधिकारियों से कहना पड़ा कि बाघों और चीतों की सुरक्षा पर ध्यान दें।
इस बैठक में वन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया पन्ना से ही वर्चुअल जुड़े थे, उन्होंने स्थानीय वन अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी भी जताई थी, पर इसका कोई सिला नहीं मिला। एक महीना भी पूरा नहीं हुआ और पार्क के अंदर दूसरे बाघ का शिकार हो गया। उसे करंट लगाकर मारा गया है।
पार्क प्रबंधन का ही कहना है कि जंगली सुअर के शिकार के लिए तार बिछाकर करंट प्रवाहित किया गया था। वन्यप्राणी प्रेमी इसे दुखद स्थिति बताते हैं। ये तो वह मामला है जो सामने आ गया।
पार्क के सूत्र बताते हैं कि 28-29 दिसंबर 2022 की रात पार्क के किशनगढ़ वन परिक्षेत्र में चिंकारा व जंगली सुअर का शिकार हुआ है। अधिकारियों तक इसकी जानकारी पहुंची, एक अधिकारी मौके पर भी पहुंचे, पर शिकारी रसूखदार थे। इसलिए मामला शांत कर दिया गया। करीब एक साल पहले इसी क्षेत्र में एक तेंदुए का भी शिकार हुआ था।