NEET Result 2024: नीट यूजी का रिजल्ट जारी, 710 अंक अर्जित कर सुजीत और हर्ष बने सिटी टापर
शहर मे करीब 17 हजार बच्चों ने दी थी नीट-यूजी परीक्षा। विद्यार्थियों ने साझा किया अपना सक्सेस मंत्र।
By Ravindra Soni
Publish Date: Wed, 05 Jun 2024 08:31:34 AM (IST)
Updated Date: Wed, 05 Jun 2024 08:31:34 AM (IST)
HighLights
- नीट-यूजी में सिटी टापर बने दोनों विद्यार्थी ग्रामीण इलाकों के हैं।
- राजधानी के शासकीय सुभाष उत्कृष्ट स्कूल के 15 बच्चों ने नीट में सफलता अर्जित की है।
- भोपाल से नीट-यूजी परीक्षा में करीब 17 हजार विद्यार्थी शामिल हुए थे।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने नीट यूजी- 2024 का परिणाम मंगलवार शाम को जारी कर दिया है। इस साल मेडिकल कालेज के एमबीबीएस, बीडीएस व अन्य पाठ्यक्रमों में एडमिशन लेने के इच्छुक अभ्यर्थी नीट यूजी रिजल्ट एनटीए की अधिकृत वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं। भोपाल समेत देश भर में नीट पांच मई को हुआ था, जिसमें राजधानी में 28 परीक्षा केंद्रों पर हुई परीक्षा में करीब 17 हजार विद्यार्थी शामिल हुए थे। इनमें से कई ने सफलता अर्जित की है। 720 में से 710 अंक अर्जित कर सुजीत गौर और हर्ष धाकड़ सिटी टापर बने हैं, वहीं 705 अंक हासिल कर अक्षर दुबे ने शहर में दूसरा स्थान अर्जित किया है। वहीं शासकीय सुभाष उत्कृष्ट स्कूल के 15 बच्चों ने नीट में सफलता अर्जित की है। इस बार पेपर सरल होने से अधिकतर परीक्षार्थियों ने अच्छे अंक अर्जित किए हैं। इसलिए कटआफ ऊपर जाने की संभावना है। नीट में सफल हुए शहर के विद्यार्थियों ने नवदुनिया से अपनी सफलता के सूत्र साझा किए।
नीट क्लियर करने वाला गांव का पहला छात्र
नाम- हर्ष धाकड़
नीट स्कोर- 710
एआइआर- 489
रायसेन जिले के चंदन पिपलिया गांव के रहने वाले 19 वर्षीय हर्ष धाकड़ नीट की तैयारी के लिए भोपाल में रहते हैं। उनके पिता वीरेंद्र धाकड़ एक किसान हैं और मां शीला धाकड़ एक गृहिणी हैं। उन्होंने बताया कि यह मेरा दूसरा प्रयास है। अपने पहले प्रयास में एक अंक से अयोग्य घोषित हो गया था। इस बार मेरे पेपर गए अच्छे थे, इसलिए मुझे अच्छे अंकों की उम्मीद थी। हर्ष ने बताया कि वह अपने गांव के पहले छात्र हैं, जिन्होंने नीट क्वालिफाई किया है। सेल्फ स्टडी को 14-15 घंटे देता था। जब भी तनाव महसूस होता था तो अपनी मां और शिक्षकों से बात करता था। व्हाट्सएप के अलावा इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल नहीं करता। एम्स में दाखिला लेना चाहता हूं।
उम्मीद नहीं थी कि टाप करूंगा
नाम- सुजीत गौर
नीट स्कोर- 710
एआइआर- 492
बैरसिया के भरोवाल गांव के रहने वाले 17 वर्षीय सुजीत ने बताया कि यह मेरा दूसरा प्रयास था। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं टाप करूंगा। पिता ओम प्रकाश एक किसान हैं और मां अयोध्या बाई एक गृहिणी हैं। परीक्षा के दौरान सेल्फ स्टडी के लिए 12 से 13 घंटे का समय दिया। मेरी सफलता का मंत्र है अपने शिक्षकों की आज्ञा का पालन करना। पढ़ाई का तनाव दूर करने के लिए क्रिकेट खेलता था। पहले मैं रैंक के आधार पर जो भी कालेज मिलेगा, वहां से एमबीबीएस करूंगा। फिर एमडी के लिए जा सकता हूं। स्कूली की पढ़ाई माडल स्कूल भोपाल से की है और नीट की तैयारी के लिए भोपाल में रहकर कोचिंग की।
माता-पिता से मिली डाक्टर बनने की प्रेरणा
नाम- अक्षर दुबे
नीट स्कोर- 705
एआइआर- 868
मेरे माता-पिता डा. मुकुरिता दुबे और डा. आशीष दुबे भी चिकित्सक हैं। उन्हें देखकर मैं भी उन जैसा बनना चाहता था। मैं कोचिंग के अलावा घंटे गिनकर नहीं पढ़ता था। जब तक मन करता था पढ़ता रहता था। सुबह छह बजे उठकर रिवीजन करता था और कई बार रात को दो से तीन बजे तक पढ़ता रहता है। पैरेंट्स को कई बार बोलना पड़ता था कि ब्रेक ले लो, लेकिन मुझे मजा आता था। जब प्रेशर होता था, तब अपने कोचिंग के सर से बात करता था, क्योंकि तनाव तो होता ही है। इसके साथ ही मैं एनसीइआरटी की किताबों से भी पढ़ाई की है। एमबीबीएस के बाद पीजी करने का इरादा है। प्रवेश के लिए भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कालेज मेरी पहली प्राथमिकता होगी।
रोजाना 12 से 13 घंटे की पढ़ाई
नाम- हर्ष कुमार गुप्ता
नीट स्कोर - 702
एआइआर- 1424
मूलत: सीधी के रहने वाले हर्ष ने बताया कि मैं 11वीं से भोपाल में रहकर नीट की तैयारी कर रहा हूं। पहले ही प्रयास में यह सफलता अर्जित की है। एनसीआरटी की किताबों से पढ़ाई, पुराने पेपर का एनालिसिस और माक टेस्ट के माध्मम से यह अंक हासिल किए। रोजाना कोचिंग से इतर 12 से 13 घंटे पढ़ाई करता था। मेरा मनना है कि पढ़ाई में रिवीजन और नियमितता जरूरी है। डीमोटिवेट नहीं हों और लक्ष्य तय कर लगतार मेहनत पढ़ाई करें।मैं हास्टल में रहता था, इसलिए पढ़ने का समय और महौल भरपूर मिला। मेरे पापा राजेंंद्र कुमार गुप्ता व्यवसायी है और मां प्रवीण गुप्ता गृहणी हैं। मेरा सपना कार्डियो थोरेसिक सर्जन बनने का है।
कार्डियोलाजिस्ट बनने का सपना है
नाम - सार्थक जैन
नीट स्कोर- 701
एआइआर- 1501
सार्थक ने बताया कि मैं प्रतिदिन 6-7 घंटे पढ़ाई करता था। इसमें मेरे मम्मी-पापा का मुझे बहुत सपोर्ट मिला है।नीट पास करना आसान नहीं है, इसके लिए मैंने काफी टेस्ट का अभ्यास किया है, जिससे परीक्षा में आसानी हुई। पांच-दस साल पुराने पेपर को हल करने से बहुत लाभ हुआ। ऐसा नहीं है कि परीक्षा में वहीं प्रश्न आएं, लेकिन उन्हीं प्रश्न पत्रों से मिलते जुलते सवाल आते हैं, जिन्हें हल करना आसान हो जाता है और समय भी बचता है।नीट में मेरा यह पहला प्रयास था। मेरे पिता मनीष कुमार जैन बीएसएनएल में नौकरी करते हैं और मां सारिका जैन गृहणी है। मेरा सपना कार्डियोलाजिस्ट बनने का है।
गत सालों की आपेक्षा में इस बार पेपर काफी आसान था, इसलिए बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने सफलता अर्जित की है। कटआफ छह सौ से ऊपर जाएगा। अंदाजा है कि 610 नंबर से ऊपर वालों को सरकारी मेडिकल कालेज में एबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश मिल जाएगा। 720 में 720 अंक अर्जित कर आल इंडिया फर्स्ट रैंक में भी करीब 80 बच्चे आए हैं।
- रणधीर सिंह, एक्सपर्ट