Navratri 2023: आज से नौ दिनों तक रहेगी नवरात्र की धूम, जानें घट-स्थापना का मुहूर्त, पूजन विधि
मातारानी की आराधना में लीन रहेंगे श्रद्धालु। चौक-चौराहों पर विराजमान होंगी मां दुर्गा। शुभ महूर्त में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sun, 15 Oct 2023 09:14:18 AM (IST)
Updated Date: Sun, 15 Oct 2023 09:14:18 AM (IST)
HighLights
- 15 से 24 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा का दरबार सजेगा।
- पहले दिन यानी रविवार को मां शैलपुत्री की पूजा हो रही है।
- मां के इस स्वरूप को सौभाग्य और शांति का प्रतीक माना जाता है।
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। शक्ति की साधना का पर्व नवरात्र रविवार से शुरू हो गया है। श्रद्धालु नौ दिनों तक मातारानी आराधना करेंगे। 15 से 24 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा का दरबार सजेगा। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी। अखंड ज्योत जलाई जाएगी।
हाथी पर विराजित होकर आ रहीं मातारानी
पंडित जगजीवन दुबे और जगदीश शर्मा ने बताया हर बार माता के आगमन और प्रस्थान का वाहन अलग होता है, जो कई संकेत देता है। इस बार मां का आगमन रविवार को हाथी पर हो रहा है। इससे समृद्धि आएगी। मंगलवार 24 अक्तूबर को मुर्गा पर होगा। जिसे प्राकृतिक आपदा का संकेत माना गया है। पहले दिन यानी रविवार को मां शैलपुत्री की पूजा हो रही है। मां के इस स्वरूप को सौभाग्य और शांति का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां शैलपुत्री की विधि पूर्वक पूजा करने से मन कभी अशांत नहीं रहता और घर में सौभाग्य का आगमन होता है। मां शैलपुत्री स्थायित्व व शक्तिमान का वरदान देती हैं।
ऐसे करें पूजा
नवरात्र के प्रथम दिन पवित्र स्थान की मिट्टी से वेदी बनाकर उसमें जौ, गेहूं बोएं। इस वेदी पर अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, तांबे या मिट्टी का कलश स्थापित करें। कलश पर भी सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी या पाषाण की मूर्ति या चित्र की प्रतिष्ठा करें। मूर्ति न हो तो कलश के पीछे स्वस्तिक और उसके दोनों ओर त्रिशूल बनाकर दुगार्जी का चित्र, पुस्तक या शालिग्राम को विराजित कर पूजन करें।
देर रात तक मां दुर्गा की मूर्तियां ले जाते रहे भक्त
नवरात्र के एक दिन पहले तक पंडालों में तैयारियां पूरी हो गईं। शहर के 500 से अधिक चौक-चौराहों पर मां दुर्गा विराजित की जाएंगी। शहर के बिट्टन मार्केट, न्यू मार्केट, बरखेड़ा, 10 नंबर, पांच नंबर, छह नंबर सहित अन्य स्थानों पर बड़ी झांकियां सजाई गई हैं। पंडालों में मां दुर्गा को विराजित करने के लिए मूर्तियां ले जाते हुए अलग-अलग समितियों के पदाधिकारी व सदस्य दिखे। जय मातादी के जयकारे लगाए। ट्रेक्टर, ट्राला में मातारानी की मूर्तियां रखकर मूर्तिकारों से मूर्तियां विराजित करने के लिए ले गए।
घट स्थापना के शुभ मुहूर्त
दिन में 11:22 से 12:08 तक अभिजित नक्षत्र अमृत का चौघड़िया।
शाम 6:00 से 7:30 तक शुभ का चौघड़िया
शाम 7:30 बजे से रात्रि 9:00 तक अमृत का चौघड़िया
रात्रि 9:00 बजे से 10:30 बजे तक चल का चौघड़िया।
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