नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। तूफान मिचौंग अब पूरी तरह से कमजोर पड़ने के बाद वर्तमान में दक्षिणी छत्तीसगढ़ एवं उससे लगे विदर्भ पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। हरियाणा में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात है। इसके अतिरिक्त अरब सागर में भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। वर्तमान में हवा का रुख लगातार पूर्वी बने रहने के कारण कुछ नमी आ रही है।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इन मौसम प्रणालियों के असर से पूरे प्रदेश में बादल बने हुए हैं। हालांकि, मौसम प्रणालियों के कमजोर पड़ने की वजह से जबलपुर, शहडोल, सागर, रीवा संभाग के जिलों में शुक्रवार को भी बादल रहेंगे, लेकिन भोपाल, इंदौर सहित अन्य शहरों में बादल छंटने के कारण धूप भी निकलेगी।
उधर, गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सीधी में 11, सतना, पचमढ़ी, रीवा, मलाजखंड, नरसिंहपुर में एक, सिवनी एवं जबलपुर में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुई। सागर, नौगांव में बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी पीके रायकवार ने बताया कि छत्तीसगढ़ के आसपास चक्रवात बने रहने के कारण पूर्वी मप्र में वर्षा हो रही है। शुक्रवार को भी जबलपुर, शहडोल, सागर एवं रीवा संभाग के जिलों में बादल रहेंगे। कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया छत्तीसगढ़ के आसपास बना चक्रवात कमजोर पड़ चुका है। इस वजह से शुक्रवार से भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों से बादल छंटने लगेंगे। धूप निकलने से दिन के तापमान में बढ़ोतरी होगी और रात के तापमान में कमी आने लगेगी। इस तरह की स्थिति अभी दो दिन तक बनी रह सकती है। 11 दिसंबर को एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के मौसम को प्रभावित करने लगेगा। उसके प्रभाव से मप्र के मौसम में एक बार फिर बदलाव होने के आसार भी हैं।