देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू हुए यह चौथा साल है...
मुझे इस बात का संतोष है कि भारतीय ज्ञान परम्परा और नई शिक्षा नीति को लागू करने में उच्च शिक्षा विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सरकार की मंशा है कि प्रदेश के विश्वविद्यालय, देश के बाहर भी अपनी साख और पहचान… pic.twitter.com/NnK6aIYmaE
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) February 27, 2024
उच्च शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आगे ले जाने की बड़ी चुनौती को अपने हाथ में लिया है।
मैं आश्वस्त करता हूं कि आज के इस दौर में विभाग को जिन संसाधनों की आवश्यकता होगी, मैं पूर्ण रूप से उसमें मदद करने के लिए तैयार रहूंगा। pic.twitter.com/gnSDIRjuM7
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 27, 2024
विदेश से भी आकर विद्यार्थी हमारे प्रदेश में अध्ययन करें, इसके लिए जो भी आवश्यक है, विभाग करे; सरकार आपके साथ रहेगी। pic.twitter.com/mzPSRJQxRj
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 27, 2024
भोपाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 अंतर्गत 'भारतीय ज्ञान परंपरा-विविध संदर्भ' विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ https://t.co/G8KCT0i6JM
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 27, 2024
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि हमार ज्ञान परंपरा गंगोत्री की तरह पवित्र और उज्ज्वल है। ज्ञान को किसी सीमा में बांधा नहीं जा सकता है। ऋग्वेद में कहा गया है कि जहां से भी ज्ञान मिले उसे ग्रहण कर लेना जाना चाहिए। यह हमारा सौभाग्य है कि हमने अपनी संस्कृति और ज्ञान परम्परा को अक्षुण्ण रखा है क्रांतिसूर्य टंट्या मामा, तात्या टोपे, रानी अवन्तीबाई, रानी दुर्गावती ही तो हमारी गौरवशाली ध्वजा को लेकर चलने वाले रहे हैं, ये आजीवन हमारे लिए पाथेय रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आगे ले जाने की बड़ी चुनौती को अपने हाथ में लिया है। मैं आश्वस्त करता हूं कि आज के इस दौर में विभाग को जिन संसाधनों की आवश्यकता होगी, मैं पूर्ण रूप से उसमें मदद करने के लिए तैयार रहूंगा। उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षाविदों से आह्वान किया कि हम सब मिलकर ऐसे विश्वविद्यालय तैयार करें, जहां दुनियाभर के बच्चे पढ़ने के लिए आएं। इसमें सरकार आपके साथ है। हरसंभव सहयोग करेगी। नालंदा और तक्षशिला जैसे तमाम भारतीय विश्वविद्यालय रहे हैं, जो दुनियाभर को शिक्षा और संस्कार से समृद्ध करते रहे।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव पत्रकारों से चर्चा के दौरान बोले कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि धीरे-धीरे हमारी उच्च शिक्षा नीति लगभग चौथे वर्ष में प्रवेश कर रही है। उस नाते से आने वाले समय में भारतीय ज्ञान की कई सारी विधाओं को अलग-अलग सब्जेक्ट के माध्यम से, विद्वानों को लेकर उच्च शिक्षा विभाग इस दिशा में ठोस कदम उठाए। आगामी शैक्षणिक सत्र में इसकी अत्यंत आवश्यकता होगी। हमारे कुलपति भी अब कुलगुरु कहलाए जाने लगे हैं। मुझे इस बात का संतोष है कि उच्च शिक्षा विभाग लगातार अपनी साख बढ़ाता जा रहा है।