भोपाल (नईदुनिया प्रतिनिधि)। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में गुणवत्ताहीन सामग्री की सप्लाई को लेकर स्वास्थ्य विभाग फिर विवादों में घिर गया है। इस बार मामला घटिया बेबी किट की सप्लाई को लेकर है। यह सप्लाई मध्य प्रदेश राज्य पावरलूम बुनकर सहकारी समिति की ओर से की गई है।
सूत्रों के मुताबिक सिर्फ बेबी किट ही नहीं, सर्जन गाउन, बेडशीट, हरे पर्दे और मरीजों को पहनाए जाने वाले सूट भी गुणवत्ताहीन ही मिले हैं। इसके बाद कार्पोरेशन पब्लिक हेल्थ सर्विसेस के मुख्य प्रबंधक ने एक विशेष बैच नंबर के वितरित सामग्री के उपयोग पर रोक लगा दी है। इससे प्रदेश के अस्पतालों के एसएनसीयू में बेबी किट की कमी हो गई है। सभी अस्पताल जैसे तैसे काम चला रहे हैं। बता दें कि कार्पोरेशन ने यह कार्रवाई विदिशा के अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की शिकायत के बाद की है।
प्रदेश के लगभग हर जिले में बेबी किट की सप्लाई की गई थी, लेकिन कार्पोरेशन के आदेशों के बाद से इनका उपयोग रोक दिया गया है। विदिशा में करीब दो हजार बेबी किट गुणवत्ताहीन पहुंचने के बाद यह मामला सामने आया था। विदिशा चिकित्सा महाविद्यालय के डीन का कहना है कि ये बेबी किट किसी मापदंडों को पूरा नहीं कर रहे थे। सूत्रों की मानें तो पूरे प्रदेश में करोड़ों के बेबी किट की सप्लाई की गई है।
बता दें कि इससे पहले फरवरी 2023 में प्रदेश में घटिया फर्नीचर को लेकर भी इसी तरह के आदेश कार्पोरेशन ने जारी किए थे, लेकिन धीरे-धीरे अस्पतालों में उसी फर्नीचर का उपयोग कर लिया गया। हालांकि कुछ फर्नीचर फर्म वापस भी ले गई थी। इस मामले में भी स्वास्थ्य विभाग कोई सख्ती नहीं दिखा सकी थी। सूत्रों की मानें तो बिना गुणवत्ता जांच के ही सामग्री वितरित कराई जाती है।
हमारे पास जो बेबी किट सप्लाई हुई थी, उसकी गुणवत्ता को लेकर हमें शिकायत थी। हमने कार्पोरेशन पब्लिक हेल्थ सर्विसेस के पास अपनी अपत्तियां दर्ज कराई थी, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई है। डा. सुनील नंदेश्वर, डीन,विदिशा मेडिकल कालेज।
हमें विदिशा से इन सामग्री की खराब गुणवत्ता को लेकर सूचना मिली थी। इसके बाद हमने पूरे प्रदेश में इन बैच की सामग्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इनके सैंपलों की एक बार फिर से जांच कराई जाएगी। पंकज जैन, प्रबंधक, कार्पोरेशन एमपी पब्लिक हेल्थ सर्विसेज