राज्य ब्यूरो, नईदुनिया. भोपाल। प्रदेश की सभी 29 सीटें जीतने का लक्ष्य तो भाजपा ने विधानसभा चुनाव के ठीक बाद बना लिया था। मतदान के दूसरे दिन ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा में जनसभा कर कहा था कि इस सीट को जीतकर कमल के 29 फूलों की माला वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पहनाएंगे।
इसके बाद पार्टी ने जनता से जुड़ने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा सहित कई अभियान शुरू किए। प्रत्याशियों की घोषणा से लेकर प्रचार में भाजपा कांग्रेस से बहुत आगे रही। कांग्रेस के तीन बड़े नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मिलकर कुल सात सभाएं कीं, जबकि अकेले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ जनसभाएं और दो रोड-शो किए।
उन्होंने सात अप्रैल को जबलपुर में रोड-शो के साथ चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी। उनकी आखिरी जनसभा ठीक एक माह बाद सात मई को धार में हुई। मोदी ने बालाघाट, होशंगाबाद, दमोह बैतूल, सागर, मुरैना, खरगोन और धार में जनसभा को संबोधित किया।
यह वे सीटें थी, जहां नए उम्मीदवार मैदान में थे या फिर पार्टी उन्हें कठिन मान रही थी। उनकी सभाएं और रोड-शो ऐसी सीटों में आयोजित किए गए जहां से आसपास की सीटों को भी साधा जा सके। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंडला, खजुराहो (कटनी), इंदौर, सीधी, गुना (अशोक नगर) और राजगढ़ में जनसभा और छिंदवाड़ा में रोड-शो किया।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जबलपुर, शहडोल, इंदौर, उज्जैन, सीधी, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, रीवा और सतना में जनसभा की। राहुल गांधी प्रचार में मंडला, शहडोल, भिंड, खरगोन और रतलाम पहुंचे। मल्लिकार्जुन खरगे ने सतना में तो प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुरैना में प्रचार किया, यानी तीनों नेताओं ने मिलकर सभी अंचलों को साधने की कोशिश की।
राहुल ने आदिवासी वर्ग को साधने का प्रयास किया। उनके हित में संविधान की पांचवीं और छठवीं अनुसूची लागू करने की घोषणा की, पर उनका जादू नहीं चला। जीतना तो दूर की बात रही, कांग्रेस प्रत्याशी बड़े मतों के अंतर से हारे।
भाजपा की ओर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, छग के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, स्मृति इरानी और अनुराग ठाकुर की भी वहां सभाएं कराई गई जहां उनकी अधिक मांग थी। प्रदेश के नेताओं की बात करें तो मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिन-रात एक किया।
कैलाश विजयवर्गीय ने छिंदवाड़ा में डेरा डाला। उधर, प्रदेश कांग्रेस नेताओं में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, राज्य सभा सदस्य विवेक तनखा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव एक साथ प्रचार के लिए निकलते थे, पर प्रचार में मतदाताओं का भरोसा नहीं जीत पाए। इस दौरान पार्टी में टूट-फूट भी खूब हुई। इस तरह पूरे प्रचार अभियान में कांग्रेस पिछड़ी रही।