राज्य ब्यूरो, भोपाल। दो तत्कालीन मुख्यमंत्रियों की घोषणा के बाद भी पुलिस बल को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल रहा है। अब यह मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है। आयोग ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर कई बिंदुओं पर जवाब मांगा है। इसमें पूछा गया है कि पुलिस बल को साप्ताहिक अवकाश क्यों नहीं दिया जा रहा है। यह भी जानकारी मांगी है कि साप्ताहिक अवकाश देने के संबंध में जारी आदेश प्रभावी है भी या नहीं।
मानव अधिकार कार्यकर्ता एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता राधाकांत त्रिपाठी ने मामले की शिकायत आयोग में की थी। अब पुलिस मुख्यालय की कल्याण शाखा ने सभी सभी जिलों से इस संबंध में जानकारी मांगी है। दिसंबर 2018 में मुख्यमंत्री बनने के बाद कमल नाथ ने पुलिस बल को साप्ताहिक अवकाश देने के निर्देश दिए थे। यह व्यवस्था कुछ हद तक लागू हुई। अलग-अलग दिन पुलिसकर्मियों के अवकाश का रोस्टर तैयार किया गया। इसके बाद लोकसभा चुनाव के चलते साप्ताहिक अवकाश बंद कर दिया गया, लेकिन दोबारा शुरू नहीं किया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जुलाई 2023 में मुख्यमंत्री आवास में आयोजित पुलिस परिवार समागम में आरक्षक से लेकर निरीक्षक तक मैदानी पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की घोषणा की, लेकिन इस पर भी अमल नहीं हो सका। दोनों मुख्यमंत्रियों के अतिरिक्त कई गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक पुलिस बल को साप्ताहिक अवकाश देने की घोषणा कर चुके हैं। प्रदेश में पुलिस बल को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल पाने की बड़ी वजह आवश्यकता के अनुसार बल की कमी है। मैदानी पुलिसकर्मियों के लगभग 10 प्रतिशत पद रिक्त हैं।