भोपाल (अभिषेक दुबे)। उच्च शिक्षा विभाग ने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत मिली राशि का जमकर दुस्र्पयोग किया है। यूजी कॉलेजों में बिना मांगे पीजी कॉलेजों की लैब का सामान भेज दिया है। केंद्र सरकार ने 300 करोड़ स्र्पये इस अभियान के तहत उच्च शिक्षा विभाग को दिए थे। इसमें से करीब 70 करोड़ स्र्पये से कॉलेजों के लिए फर्नीचर और लैब उपकरण खरीदे जाने थे, जबकि शेष राशि से भवन निर्माण समेत अन्य कार्य कराए जाने थे। विभाग ने कॉलेजों को उनकी मांग के बिना ही लैब उपकरण और फर्नीचर प्रदाय कर दिए। अब जब कॉलेजों में यह उपकरण और फर्नीचर पहुंचना शुरू हुए हैं तो प्राचार्यों ने इसकी शिकायत विभाग से की है। अब विभाग ने इस पूरे मामले की समीक्षा शुरू कर दी है।
दरअसल, उच्च शिक्षा के कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने और उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के मकसद से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान केंद्र सरकार ने शुरू किया है। इसके तहत हर साल करोड़ों स्र्पये की राशि भवन निर्माण, पुस्तक, लैब उपकरण और फर्नीचर खरीद के लिए देती है। इस राशि का उपयोग कर उपयोगिता प्रमाण पत्र केंद्र सरकार को देना होता है। पिछले साल करीब तीन सौ करोड़ की राशि मिली थी। इस राशि से बिना वजह सामान खरीदकर भेजने और सामान की कीमत बाजार से दोगुनी से भी ज्यादा होने के संबंध में शिकायत कॉलेजों के प्राचार्यों ने विभाग को की है।
यह हैं उदाहरण
-शाजापुर जिले के कालापीपल सरकारी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ओमप्रकाश शर्मा के मुताबिक उनका कॉलेज यूजी कक्षाओं का है। उनके कॉलेज में पीजी कक्षाओं की लैब का सामान बिना मांगे पहुंचा दिया गया है। अब यह सामान उनके कॉलेज के किसी काम का नहीं है। इस संबंध में उन्होंने विभाग से कहा है कि या तो यह सामान वापस ले लो या फिर इसे बदलकर यूजी कक्षाओं की लैब का सामान भेज दे।
-देवास के सरकारी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शंकरलाल वारे का कहना है कि उनके कॉलेज में बिना मांगे टेबल और कुर्सी भेज दी है। हालांकि कुछ कमरे खाली पड़े थे तो इसमें विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था कर देंगे। इसके साथ ही बिना मांगे सोफा-सेट भेज दिया है। इस बारे में उन्होंने विभाग को अवगत करा दिया है।
-गुना के सरकारी पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बीके तिवारी का कहना है कि उनके कॉलेज में टेबल और कुर्सी का जितनी संख्या में बिल लगाया था उतनी संख्या में भौतिक रूप से नहीं थी। इसकी शिकायत की तो अब शेष सामान भेजा जा रहा है।
वर्जन
इस मामले की समीक्षा की जाएगी। कोई गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई की जाएगी।
मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री