MP Election 2023: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। भले ही राजनीति के क्षेत्र में कम ही अधिकारी सफल हुए हों पर इस बार भी आइएएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नौकरी छोड़कर चुनावी मैदान में हाथ आजमाने की तैयारी में हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा से त्यागपत्र देकर वरदमूर्ति मिश्रा ने तो भारत वास्तविक पार्टी बना ली है और वे अन्य संवर्ग के सेवानिवृत्त अधिकारियों को चुनाव लड़ने के लिए तैयार कर रहे हैं। वहीं, भाजपा ने पहली सूची में ही न्यायिक सेवा से त्यागपत्र देने वाले प्रकाश उइके और मेडिकल कालेज जबलपुर के सहायक अधीक्षक रहे डा.विजय आनंद मरावी को प्रत्याशी घोषित किया है।
चर्चा है कि भाजपा की दूसरी और तीसरी सूची में भी और ऐसे अधिकारियों के नाम हो सकते हैं, जो राजनीति के मैदान में किस्मत आजमाना चाहते हैं। उधर, राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी निशा बांगरे ने भी त्यागपत्र दे दिया है और वे कांग्रेस के संपर्क में हैं।
प्रदेश में नौकरी छोड़कर राजनीति के क्षेत्र में कदम रखने वाले कई अधिकारी हैं पर सफलता कम ही को मिली है। प्रदेश के मुख्य सचिव रहे सुशील चंद्र वर्मा चार बार भोपाल से सांसद रहे। भोपाल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आइएएस अधिकारी महेश नीलकंठ बुच ने नौकरी छोड़कर बैतूल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा था पर उन्हें सफलता नहीं मिली थी।
छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी मध्य प्रदेश संवर्ग के आइएएस अधिकारी थे। उन्होंने त्यागपत्र दिया और फिर उन्हें राज्य सभा भेजा गया था। प्रमुख सचिव रहे डा.भागीरथ प्रसाद को कांग्रेस ने भिंड से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया पर उन्होंने ऐन वक्त पर पाला बदल लिया और भाजपा से चुनाव लड़कर संसद पहुंचे थे।
आइपीएस अधिकारी रुस्तम सिंह विधानसभा चुनाव भी जीते और शिवराज सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता गुमान सिंह डामोर ने सेवानिवृत्ति के बाद पहले विधानसभा चुनाव लड़ा और फिर लोकसभा। दोनों में जीते और वर्तमान में रतलाम से सांसद हैं।
आइपीएस अधिकारी पन्नालाल भी चुनाव लड़ चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने देवास से महेंद्र सिंह सोलंकी को चुनाव लड़ाया था, वे न्यायिक सेवा से त्यागपत्र देकर आए थे। अधिकारी भाजपा और कांग्रेस संगठन में सक्रिय हैं और महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव रहीं अजीता वाजपेयी पांडेय और वीके बाथम कांग्रेस के लिए विभिन्न जिम्मेदारी निभा रहे हैं तो पूर्व आइएएस अधिकारी वेद प्रकाश, कवींद्र कियावत, अजातशत्रु श्रीवास्तव और एसएनएस चौहान ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इसके पहले एसएस उप्पल, महेश चंद्र चौधरी भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
विधानसभा चुनाव आते ही भाजपा और कांग्रेस में फिर सेवानिवृत्त अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। इनमें से कुछ अधिकारी चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने जा रहे हैं। भाजपा की पहली सूची में शामिल दो प्रत्याशी अभी हाल में शासकीय सेवा छोड़कर आए हैं।
जबलपुर मेडिकल कालेज के सहायक अधीक्षक डा.विजय आनंद मरावी ने तो टिकट घोषित होने के ऐन पहले त्याग पत्र दिया और टिकट की घोषणा के बाद भाजपा की सदस्यता ली। पांढर्णा से प्रत्याशी बनाए गए प्रकाश उइके ने कुछ दिन पहले ही न्यायिक सेवा से त्यागपत्र देकर भाजपा की सदस्यता ली थी।
चाचौड़ा से प्रियंका मीणा को प्रत्याशी बनाया है। उनके पति भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं। इसके पहले यहां से भाजपा विधायक रहीं ममता मीणा के पति भी आइपीएस अधिकारी रहे हैं। उधर, नौकरी छोड़कर वरदमूर्ति मिश्रा ने राजनीति दल बना लिया है। दावा किया जा रहा है कि उनके दल से कुछ अधिकारी चुनाव लड़ेंगे। इसके पहले सपाक्स पार्टी के बैनर तले हीरालाल त्रिवेदी और वीणा घाणेकर चुनाव लड़ चुके हैं। दोनों को ही सफलता नहीं मिली और संगठन भी सक्रिय नहीं है।