भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रारंभ से ही यह मानती आ रही है कि उसका मुकाबला भाजपा के नेताओं से नहीं, उसके संगठन से है। इसके लिए पहली बार बूथ, सेक्टर और मंडलम इकाइयां बनाई गईं। बुधवार शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थमने के साथ ही बाहरी नेताओं को क्षेत्र छोड़ना होगा। इसके साथ ही मैदानी मोर्चा स्थानीय इकाइयां संभालेंगी।
मतदान केंद्रों पर बैठने वाले कार्यकर्ताओं के साथ मतदाताओं को पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान के लिए घरों से निकालने के लिए अलग-अलग दल रहेंगे। ये सभी भोपाल स्थित वार रूम से सीधे संपर्क में रहेंगे। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में भी उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया की अगुआई में एक टीम तैनात रहेगी, जो आवश्यकता अनुसार इन्हें मार्गदर्शन उपलब्ध कराएगी।
प्रदेश कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए स्थानीय स्तर पर बूथ, सेक्टर और मंडलम इकाई गठित थीं। इसका उद्देश्य यही था कि चुनाव की तैयारियों को स्थानीय कार्यकर्ताओं की देखरेख में ही आगे बढ़ाया जाएगा क्योंकि बूथ प्रबंधन इन्हें ही संभालना है। प्रत्याशियों की टीम इनके साथ सामंजस्य बनाकर काम करेंगी।
प्रत्येक मतदान केंद्र पर कम से कम पांच कार्यकर्ताओं की टीम रहेगी। इनमें दो कार्यकर्ता मतदान केंद्र पर पूरे समय मौजूद रहेंगे और बाकी क्षेत्र में मतदाताओं को मतदान के लिए घर से निकालने का काम करेंगे।
युवा कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी का कहना है कि सभी स्तर पर तैयारी पूरी है। पार्टी के सभी अनुषांगिक संगठनों ने स्थानीय कार्यकर्ताओं की टीम मतदान केंद्र स्तरीय तैयार की है। प्रत्याशी अपने कार्यकर्ताओं से अगले दो दिन में घर-घर मतदाता पर्ची बंटवाकर संपर्क करेंगे, जो कार्यकर्ता जिस क्षेत्र में जाएगा, वही मतदान के दिन उस मतदान केंद्र पर सक्रिय रहेगा।
धनोपिया ने कहा कि हमने बूथ लेवल एजेंट नियुक्त किए हैं, जो मतदान के दिन पूरी व्यवस्थाओं को देखेंगे। इसमें अधिकतर बूथ, सेक्टर और मंडलम समितियों से जुड़े हुए हैं। सभी सीधे भोपाल स्थित वार रूम के संपर्क में रहेंगे। यहां से नियमित संवाद होगा और जहां जिसे जैसी आवश्यकता होगी, वैसा सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। अधिवक्ताओं की टीम भी प्रत्येक जिले में तैनात रखी गई है, जिससे प्रत्याशियों को कोई असुविधा हो तो उन्हें तत्काल मदद मिल जाए।