MP Election 2023: भोपाल(नवदुनिया प्रतिनिधि)। जिले के सात विधानसभा क्षेत्र के चुनाव की दो हजार 49 ईवीएम को शनिवार को जिला जेल के स्ट्रांग रूम में रखकर सीलबंद कर दिया गया है। इस दौरान राजनीतिक दलों के प्रत्याशी भी यहां सुरक्षा व्यवस्था देखने पहुंचे और अधिकारियों से चर्चा की। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर आशीष सिंह सहित अन्य प्रशासन के अधिकारी भी यहां मौजूद रहे। जिला प्रशासन द्वारा स्ट्रांग रूम की 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। साथ ही पुलिस टीमें तैनात कर त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है।
जिला जेल में विधानसभा क्षेत्र अनुसार ईवीएम को रखने के लिए और डाक मतपत्र को रखने के लिए स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं। जिले में शुक्रवार रात मतदान समाप्ति के बाद मतदान दल ईवीएम को लेकर लाल परेड मैदान पहुंचने लगे थे। इसके बाद देर रात मशीनों को स्ट्रांग रूम में रखवाने का सिलसिला शुरू हो गया था। यह सिलसिला शनिवार शाम तक जारी रहा। जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा राजनीतिक दलों के प्रत्याशी और प्रतिनिधियों के सामने सभी ईवीएम एवं डाक मतपत्र को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखवाकर सीलबंद किया गया है।
राजनीतिक दलों के प्रत्याशी एवं उनके प्रतिनिधि मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद रात से ही ईवीएम मशीनों पर नजर बनाए रखे थे। जब जिला जेल में मशीनें स्ट्रांग रूम तक पहुंचाने और रखने का काम किया जा रहा था। तब प्रत्याशी भी यहां पहुंचे। जिला जेल में कांग्रेस के प्रत्याशी पीसी शर्मा, रविंद्र साहू झूमर वाला तो भाजपा प्रत्याशी भगवानदास सबनानी सहित अन्य पहुंचे। उन्होंने जेल के बाहर और अंदर स्ट्रांग रूम के चारों तरफ की गई सुरक्षा व्यवस्था को देखा।
जिला जेल में बने स्ट्रांग रूम की निगरानी सीसीटीवी कैमरों के द्वारा 24 घंटे की जा रही है। यह कैमरे यूपीएस से जोड़े गए हैं जो किसी भी स्थिति में बंद नहीं होंगे। इनके अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की टीमें और बाहर स्थानीय पुलिस टीमें तैनात की गई हैं। साथ ही प्रत्याशियों एवं उनके प्रतिनिधियों के ठहरने, बैठने की व्यवस्था अंदर ही की गई है। जिससे वह भी 24 घंटे स्ट्रांग रूम के मुख्य द्वार और सीलबंद तालों को देख सकते हैं।
जिला जेल में ईवीएम स्ट्रांग रूम में रखकर दरवाजे सीलबंद कर दिए गए हैं। तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 24 घंटे स्ट्रांग रूम की निगरानी कराई जा रही है। प्रत्याशी एवं उनके प्रतिनिधियों के ठहरने की अंदर ही व्यवस्था की गई है। जिससे किसी तरह की शंका की कोई गुंजाइश न रहे।
- आशीष सिंह, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर, भोपाल