भोपाल। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों में पीएम एक्सीलेंस कालेज खोले जाएंगे। इनमें विज्ञान, कला और वाणिज्य संकाय की पढ़ाई होगी। प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी तो प्रवेश प्रक्रिया से परीक्षा तक में स्वायत्तता रहेगी। प्रयास यही रहेगा कि आगामी शैक्षणिक सत्र से कालेज प्रारंभ हो जाएं। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इन कालेजों के लिए 1,845 शैक्षणिक और 387 गैर शैक्षणिक पदों की स्वीकृति दी गई।
बता दें कि शिवराज सरकार में जब डा. मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री थे, तब इस दिशा में काम प्रारंभ हुआ था। जिले के ऐसे कालेजों का चयन पीएम एक्सीलेंस कालेज के लिए किया जाएगा, जिनमें तीन हजार प्रवेश की क्षमता हो। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रत्येक जिले में ऐसे कालेज की परिकल्पना की गई है, जहां सभी संकायों की पढ़ाई हो, विद्यार्थियों को सभी सुविधाएं मिलें यानी प्रयोगशाला, खेल मैदान और आवागमन की सुविधा भी मिले। जिले के लीड कालेज को पीएम एक्सीलेंस कालेज में अपग्रेड किया जाएगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को एक करके लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के रूप में पुनर्गठन का निर्णय कैबिनेट ने लिया है। इससे जिला चिकित्सालयों द्वारा मेडिकल कालेजों में रोगियों को अनावश्यक रूप से भेजने में कमी आएगी। मेडिकल कालेज रूटीन चिकित्सा सेवाएं देने के बजाए अति गंभीर एवं विशिष्ट उपचार और चिकित्सा शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। मेडिकल कालेजों की बेस्ट प्रैक्टिसेस का स्वास्थ्य केंद्रों में उपयोग किया जा सकेगा।
मेडिकल कालेजों से जिला अस्पतालों को संबद्ध करना आसान हो जाएगा। स्वास्थ्य नीति और विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन एवं नियंत्रण में सुविधा होगी। इसके साथ ही कैबिनेट ने मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 में संशोधन करने के प्रस्ताव की स्वीकृति दी। इसके अनुसार विश्वविद्यालय नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थाओं को छोड़कर चिकित्सा, दंत चिकित्सा, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और नेचुरोपैथी आदि पाठ्यक्रम संचालित करेंगे। ये पाठ्यक्रम संबंधित संस्थान के क्षेत्राधिकार में आने वाले विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित किए जाएंगे।
रतलाम जिले की माही और मझोडिया समूह जलापूर्ति योजनाओं के लिए जल स्रोत की व्यवस्था तलावड़ा बांध बनाकर की जाएगी। इससे 1,011 गांवों में जलापूर्ति होगी। बांध का निर्माण और रखरखाव जल संसाधन विभाग करेगा। इसके लिए 264 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। वहीं, मुंगावली तहसील में बेतवा नदी पर मल्हारगढ़ उद्वहन सिंचाई परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इसमें बांध का निर्माण होगा और 26 गांवों के साढ़े सात हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी।
बैठक में जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत आने वाली अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं के शिक्षक व कर्मचारियों को छठा वेतनमान देने का निर्णय लिया गया। बड़वानी जिले की अशासकीय संस्था कस्तूरबा वनवासी कन्या आश्रम ने छठे वेतनमान को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। संस्था के पक्ष में निर्णय होने पर शासन ने अपील की थी, जो निरस्त हो गई। न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए विभाग के अंतर्गत आने वाली अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं के शिक्षक और कर्मचारियों को छठे वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। इस पर 206 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा।
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने मंत्रियों से अनौपचारिक चर्चा में कहा कि, सात फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ होगा। इसके लिए सभी मंत्री तैयारी करें। विपक्ष के प्रश्नों का तथ्यात्मक रूप से उत्तर दें। लोकसभा चुनाव का समय भी पास आ गया है। इसकी तैयारी में जुट जाएं। अधिक से अधिक दौरे करें और शासन की विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से सीधा संवाद स्थापित करें।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार सभी वर्गों के हित के काम कर रही है। विकसित भारत संकल्प यात्रा में विभिन्न योजनाओं के पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। ऐसे सभी लाभार्थियों से संवाद किया जाए। अधिक से अधिक दौरे करें और विकास कार्यों का निरीक्षण भी करें। लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी द्वारा जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसकी पूर्ति में जुट जाएं।
कैबिनेट बैठक के पहले मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को बताया कि कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित खनिज सम्मेलन में मध्य प्रदेश की प्रशंसा हुई है। सबसे ज्यादा माइनिंग ब्लाक नीलाम करने पर मध्य प्रदेश को पुरस्कृत किया गया है। भारत सरकार के मापदंडों के आधार पर खनिज क्षेत्र में प्रदेश आगे है। इससे और बेहतर काम किया जाएगा। प्रदेश की इस उपलब्धि के लिए मंत्रियों ने मेज थपथपा कर हर्ष व्यक्त किया।