राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल । प्रदेश की मोहन यादव सरकार अपना पहला बजट बुधवार को विधानसभा में प्रस्तुत करेगी। यह तीन लाख 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक का होगा। बजट में प्रदेशवासियों पर नए कर का कोई बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। सभी वर्गों को साधने के लिए प्रावधान होंगे। संकल्प पत्र की पूर्ति की दिशा में सरकार कदम आगे बढ़ाएगी।
अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए पूंजीगत निवेश बढ़ाने का सिलसिला जारी रखते हुए 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया जा सकता है तो लाड़ली बहना, छात्रवृत्ति, स्वरोजगार, सिंहस्थ, गेहूं पर 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस, मोटे अनाज और पशुपालकों को प्रोत्साहन देने के लिए पर्याप्त राशि विभागों को आवंटित की जाएगी।
लाड़ली बहना योजना की राशि अभी 1250 रुपये दी जा रही है। इसमें कुछ वृद्धि की जा सकती है। बजट उप मुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा प्रस्तुत करेंगे। इस बार सभी सदस्यों को बजट की प्रतियां मिलेंगी। लोकसभा चुनाव के कारण सरकार ने एक लाख 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक का अंतरिम बजट प्रस्तुत किया था।
इसमें एक अप्रैल से 31 जुलाई 2024 तक के लिए विभागों को राशि आवंटित की गई थी। अब वर्षभर के लिए प्रावधान होंगे। महिलाओं के लिए लाड़ली बहना, प्रधानमंत्री मातृवंदना, मिशन शक्ति, पोषण अभियान, लखपति दीदी, महिला स्व-सहायता समूह के लिए राशि का प्रावधान होगा।
प्रधानमंत्री शहरी और ग्रामीण आवास, आयुष्मान सहित स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, नल जल योजना, विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा, भारिया और सहरिया) के लिए जनमन योजना में राशि संबंधित विभागों को दी जाएगी।
दुग्ध उत्पादक किसानों को प्रति लीटर प्रोत्साहन, किसान और घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिए लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का अनुदान और महंगाई भत्ता व राहत के लिए 56 प्रतिशत की दर से प्रावधान रखा जाएगा। लाड़ली बहना को 450 रुपये में गैस सिलेंडर, किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण, धार्मिक स्थानों पर यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा, उपचार के लिए एयर एंबुलेंस सेवा, कर्ज और ब्याज अदायगी के लिए 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान रहेगा।
मध्य प्रदेश में विकास का पहिया डबल इंजन की सरकार के तालमेल से दौड़ेगा। केंद्रीय कर और सहायता अनुदान में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये प्रदेश को अधिक मिलने का अनुमान है। वहीं, राज्य कर भी 96 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
राजस्व में वृद्धि के कारण विकास परियोजनाओं को तेजी के साथ पूरा किया जाएगा। नर्मदा जल बंटवारे की अवधि दिसंबर 2024 में पूरी हो रही है। जल उपयोग पूरा करने के लिए सिंचाई परियोजना के लिए प्रावधान किए जाएगा।
2028 में होने वाले सिंहस्थ लिए वे कार्य जिन्हें पूरा होने में तीन वर्ष का समय लगना है, उनकी स्वीकृति इसी बजट में दे दी जाएगी। लगभग नौ हजार करोड़ रुपये सड़क, पुल-पुलिया और भवनों के लिए रखे जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के पूर्व स्वीकृत सड़कों को बजट में शामिल करने के साथ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की कुछ सड़कों को मुख्य जिला मार्गों में शामिल कर बनाया जाएगा।