राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा के मिशन 29 को जिस तरह शानदान सफलता मिली, उसकी झलक मोदी मंत्रिमंडल में भी नजर आई। प्रदेश से तीन केंद्रीय और तीन राज्य मंत्री बनाए गए। इसके अलावा डा. एल मुरुगन को भी मप्र के कोटे का माना जा सकता है क्योंकि वह यहीं से राज्यसभा सदस्य हैं। मंत्रिमंडल में संतुलन साधा गया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनके कद के अनुरूप पांचवें क्रम पर शपथ दिलाई गई।
टीकमगढ़ से सांसद डा. वीरेंद्र कुमार और ज्योतिरादित्य सिंधिया को फिर मंत्रिमंडल में मौका दिया गया है। पार्टी ने अपनी प्राथमिकता को फिर स्पष्ट करते हुए महाकोशल के बैतूल लोकसभा क्षेत्र से दुर्गादास उइके और मालवा अंचल के धार लोकसभा क्षेत्र से सावित्री ठाकुर के रूप में नए आदिवासी चेहरों को मौका देकर बड़े वर्ग को संदेश देने का काम किया है। पिछली मोदी सरकार में प्रदेश से लोकसभा सदस्य नरेन्द्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रहलाद सिंह पटेल, डा.वीरेंद्र कुमार और ज्योतिरादित्य सिंधिया मंत्री थे।
विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रहलाद सिंह पटेल ने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया था। फग्गन सिंह कुलस्ते विधानसभा चुनाव हार गए थे इसलिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री का पद नहीं छोड़ा था। पार्टी ने उन्हें मंडला से लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया और वे चुनाव भी जीत गए।
इस बार उनके स्थान पर पार्टी ने महाकोशल अंचल में आने वाले बैतूल लोकसभा सीट से दूसरी बार चुनाव जीते दुर्गादास उइके को मंत्री बनाया गया है। महिला सदस्य के रूप में मालवा अंचल की धार लोकसभा सीट से दूसरी बार चुनाव जीतीं सावित्री ठाकुर को मौका दिया है। आदिवासी वर्ग से जुड़े इन दोनों चेहरों को आगे बढ़ाकर पार्टी ने दोनों अंचल में बड़ा संदेश देने का काम किया है। प्रदेश में पार्टी आदिवासी वर्ग में नया नेतृत्व तैयार कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के समय ही साफ कर दिया था कि मैं इन्हें दिल्ली ले जाना चाहता हूं। दरअसल, चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज के पास सरकार चलाने के साथ संगठन में विभिन्न पदों पर काम करने बड़ा अनुभव है।
विपरीत आर्थिक परिस्थितियों में उन्होंने न केवल प्रदेश को विकासशील राज्य की पांत में खड़ा किया बल्कि लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन, किसानों का उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए कई कदम उठाए।
इसका असर यह रहा कि देश में सर्वाधिक कृषि वृद्धि दर मध्य प्रदेश की रही। किसानों से गेहूं उपार्जन में रिकार्ड बनाने के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने भावांतर जैसे कई योजनाएं लागू कीं।
आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत व्यय बढ़ाने के साथ निवेश आकर्षिक करने इन्वेस्टर्स समिट, रोजगार के लिए मुख्यमंत्री कौशल विकास और स्वरोजगार की योजनाओं को बढ़ावा देने का काम किया।
ओबीसी वर्ग से आने वाले शिवराज मध्य भारत अंचल की विदिशा लोकसभा सीट से छठवीं बार चुनाव जीते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी के युवा चेहरा हैं, जिन्हें लगातार बड़ी भूमिका दी जा रही है। कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा ने उन्हें मध्य प्रदेश से राज्य सभा भेजा और केंद्रीय मंत्री बनाया। मोदी मंत्रिमंडल में उनकी गिनती अच्छा प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों के रूप में होती है।
वे पहली बार पार्टी के टिकट पर गुना संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े और पांच लाख 40 हजार से भी अधिक मतों के अंतर से जीते। इसी तरह लगातार आठवीं बार सांसद बने डा.वीरेंद्र कुमार को फिर मंत्रिमंडल में स्थान देकर बुंदेलखंड के समीकरणों को साधने का काम किया गया है। पार्टी के अनुसूचित जाति वर्ग का बड़ा चेहरा हैं। उधर, प्रदेश से राज्य सभा सदस्य डा.एल मुरूगन को पार्टी ने तमिलनाडु से लोकसभा चुनाव लड़ाया था पर वे हार गए। उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में फिर स्थान दिया गया है।
मोदी मंत्रिमंडल में अलग-अलग अंचल से मंत्री बनाकर पूरे मध्य प्रदेश को साधा गया है।शिवराज सिंह चौहान मध्य भारत के विदिशा संसदीय क्षेत्र से आते हैं तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर अंचल का प्रतिनिधित्व करते हैं। डा.वीरेंद्र कुमार बुंदेलखंड तो दुर्गादास उइके महाकोशल और सावित्री ठाकुर मालवा से आती हैं।