Metro in Bhopal: मेट्रो की असेंबलिंग के बाद होगी प्री-टेस्टिंग, एक हफ्ते के भीतर होगा ट्रायल रन
ट्रैक पर पहुंचे कोच। साफ्टवेयर इंस्टालेशन का होगा काम। इक्युपमेंट असेंबलिंग और चार्जिंग के बाद ट्रेन को डिपो में बने करीब दो किमी लंबे टेस्टिंग ट्रैक पर दौड़ाकर प्री-टेस्टिंग की जाएगी।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Wed, 20 Sep 2023 08:03:22 AM (IST)
Updated Date: Wed, 20 Sep 2023 08:03:22 AM (IST)
भोपाल में ट्रैक पर मेट्रो भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। राजधानी में मेट्रो आखिरकार अपने ट्रैक पर पहुंच गई है। मंगलवार को इसके तीनों कोच को जोड़ा गया है। अब इसकी असेंबलिंग के बाद चार्जिंग होगी। इसके बाद इसे वायडक्ट पर लाया जाएगा। जहां प्री-टेस्टिंग के लिए मेट्रो को वायडक्ट पर दौड़ाया जाएगा। इसके बाद सुरक्षा से संबंधित उपकरणों का परीक्षण करने के बाद ट्रायन रन होगा। उम्मीद की जा रही है कि एक हफ्ते से पहले इसका ट्रायल रन हो जाएगा।
दो किमी के ट्रैक पर टेस्टिंग
बता दें कि सुभाष नगर डिपो में अनलोडिंग-बे पर ट्राले से उतरने के बाद मेट्रो के तीनों कोच इंस्पेक्शन-बे लाइन पर पहुंच चुके हैं। यहां कोच को कपलिंक कर मेट्रो कोच असेंबल किए जा चुके हैं। अब इक्युपमेंट (उपकरण) असेंबलिंग और चार्जिंग के बाद ट्रेन को डिपो में बने करीब दो किमी लंबे टेस्टिंग ट्रैक पर दौड़ाकर प्री-टेस्टिंग की जाएगी। ये टेस्ट पास करने के बाद मेट्रो को मेन ट्रैक पर सेफ्टी ट्रायल के लिए शिफ्ट किया जाएगा। ट्रायल में सफल होने के बाद मेट्रो का ट्रायल रन किया जाएगा।
दो शिफ्ट में काम
मेट्रो ट्रेन की असेंबलिंग के साथ एसी, सीसीटीवी, हेड लाइट, एक्जिट और इमरजेंसी गेट समेत अन्य कार्य किए जाने हैं। इसमें हर एक उपकरण की वायरिंग और कनेक्टिविटी सहित साफ्टवेयर इंस्टालेशन में कम से कम 15 दिन का समय लगता है। लेकिन 25 सिंतबर के बाद होने वाले ट्रायल रन के मद्देनजर मेट्रो के पास इतना समय नहीं है। ऐसे में निर्धारित अवधि में मेट्रो का काम पूरा करने के लिए दो शिफ्ट में काम किया जाएगा, ताकि यह काम पांच से छह दिन में पूरा किया जा सके।