भोपाल, नईदुनिया प्रतिनिधि। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 12वीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप की राशि दी जाती है। लेकिन इस वर्ष परीक्षा परिणाम आए अब तक चार महीने बीत चुके हैं लेकिन शासन ने इसके लिए अब तक स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है।इसके लिए विभाग से विद्यार्थियों की सूची मांगी गई थी।
सीबीएसई और 70 प्रतिशत वालों को शामिल करने पर संशय ऐसा माना जा रहा है कि अगर 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले करीब 90 हजार विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए 225 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पिछले साल की घोषणा पर अमल किया, तो इस बार से सीबीएसई के विद्यार्थियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। साथ ही उन्होंने 70 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को भी इस योजना में शामिल करने की बात कही थी।
इस कारण फिलहाल इस पर संशय बरकरार है कि कितने प्रतिशत वाले विद्यार्थियों को इस योजना में शामिल किया जाए। दरअसल प्रदेश में मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल से 12वीं में 75 प्रतिशत या उससे ऊपर अंक लाने वाले मेघावी विद्यार्थियों को लैपटाप के लिए 25-25 हजार रुपये की राशि दी जाती है।
पिछले साल मप्र बोर्ड के बारहवीं में 75 फीसद से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 78 हजार 641 विद्यार्थियों को लैपटॉप खरीदने के लिए राशि दी गई थी। इस बार माशिमं की 12वीं परीक्षा में 75 फीसद से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 90 हजार के आसपास है। यह संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग 12 हजार ज्यादा है। इस बार विद्यार्थियों को लैपटाप के लिए राशि देने में सवा दो सौ करोड़ के आसपास खर्च किया जाएगा। अगर 70 प्रतिशत वाले विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा तो संख्या बढ़ जाएगी।
भाजपा सरकार ने पिछले साल से 12वीं के सभी स्कूलों के एक-एक टॉपर को मुफ्त स्कूटी देने का निर्णय लिया है। पिछले साल सरकारी स्कूल के हर एक टापर को स्कूटी दी दी गई थी। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि वर्ष 2024 से निजी स्कूलों के टापरों के लिए भी लागू किया जाएगा।
इस पर भी निर्णय नहीं हो पाया है।-वर्ष 2009-10 में शुरू हुई योजना माशिमं 12वीं के मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए 25-25 हजार रुपये राशि देने की योजना मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2009-10 में शुरू की गई थी।
योजना के प्रारंभ में मेधावी विद्यार्थियों का स्तर 85 प्रतिशत अंकों तक रखा गया था। इस दौरान विद्यार्थियों की संख्या भी 20 से 25 हजार के आसपास होती थी। धीरे-धीरे विद्यार्थियों के भी कम किए गए। एक बार 70 प्रतिशत तक वालों को भी शामिल किया गया। वर्तमान में 12वीं में 75 प्रतिशत की सीमा तय है।
अभी तक 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को ही इस योजना में शामिल किया गया है। राशि वितरण के संबंध में अभी शासन से कोई आदेश नहीं मिले हैं। - डीएस कुशवाहा, अपर संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय