भोपाल (नईदुनिया स्टेट ब्यूरो)। भारत के इतिहास में 25 जून, 1975 ऐसा काला दिन है, जब इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की थी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को कुचल दिया था। इन्हें देश कभी माफ नहीं करेगा। आज हम उनका सम्मान कर रहे हैं, जिन्होंने असीम कष्ट सहकर लोकतंत्र की बहाली करवाई।
आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में आपातकाल के दौरान तानाशाह कांग्रेस सरकार के खिलाफ मुखर रहे लोकतंत्र सेनानियों को शॉल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानी के रूप में मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj का भी सम्मान किया गया। #DarkDaysOfEmergency pic.twitter.com/n1XJ0DlvT4
— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) June 25, 2021
यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही। वे शुक्रवार को आपातकाल की बरसी पर आयोजित 'काला दिवस" कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को यह जानकारी होनी चाहिए कि आपातकाल के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीन ली गई थी, मौलिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया था।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के लोग आज भी लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं पर सवाल उठाते हैं। कांग्रेस सहित हमारे कई वैचारिक प्रतिद्वंद्वी भी लोकतंत्र का गला घोंटने का काम कर रहे हैं। बंगाल और केरल जैसे राज्यों में कांग्रेसी मानसिकता वाले दल आपातकाल जैसे हालात पैदा कर रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान आपातकाल के समय जेल में रहे मीसाबंदियों का सम्मान भी किया गया।
इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव, अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य, प्रदेश सह संगठन महामंत्री हितानंद आदि उपस्थित थे।
इन मीसाबंदियों का सम्मान
विभिषण सिंह, तपन भौमिक, भरत चतुर्वेदी, रामभुवन सिंह कुशवाह, कर्नल नारायण परवानी, बनवारीलाल सक्सेना, अरुण कुलकर्णी, मांगीलाल पोरवाल, सुरेंद्र द्विवेदी और बिहारीलाल लालवानी।