धनंजय प्रताप सिंह. भोपाल। Madhya Pradesh Saubhagya Scheme दो अधीक्षण यंत्री सहित नौ इंजीनियरों को राज्य सरकार ने सौभाग्य योजना में विद्युतीकरण के काम में करोड़ों की गड़बड़ी का दोषी पाया है। ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने सारे मामले की जांच कराई थी, जिसमें भारी भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई। 'नईदुनिया" ने इस घोटाले का नौ जुलाई को पर्दाफाश किया था। फिलहाल यह जांच मात्र दो आदिवासी जिले मंडला और डिंडौरी में कराई गई है।
नईदुनिया में खबर प्रकाशित होने के बाद ऊर्जा मंत्री ने जुलाई में 10 दिनों में जांच कर रिपोर्ट मांगी थी। पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी ने दो महीने में रिपोर्ट तो दी, लेकिन दोषियों को बचा लिया। जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट ऊर्जा मंत्री ने पुन: जांच कराई, तब ये घोटाला उजागर हुआ। सौभाग्य योजना देश के हर घर में बिजली पहुंचाने की केंद्र सरकार की योजना है।
गांव-गांव गई जांच टीम
सूत्रों के मुताबिक जुलाई में मंत्री के निर्देश पर बिजली कंपनी के अफसरों ने जांच की थी और लीपापोती कर सभी दोषियों को बचा लिया था। ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने जांच रिपोर्ट को खारिज कर दोबारा 12 इंजीनियरों की टीम बनाकर गांव-गांव और जंगल-जंगल भेजकर भौतिक सत्यापन कराया तो कहानी और कुछ ही निकली। जांच रिपोर्ट में पता चला कि जितने काम का दावा कर भुगतान किया गया, वह काम हुआ ही नहीं है।
कहां ट्रांसफार्मर लगाए गए, उसका ब्योरा भी नहीं मिला। घटिया सामग्री और दूसरी योजनाओं के ट्रांसफार्मर लगाकर करोड़ों के बिल निकाल लिए गए। इस गड़बड़ी के लिए सरकार ने मंडला के तत्कालीन अधीक्षण यंत्री टीके मिश्रा और अशोक निकोसे अधीक्षण यंत्री डिंडौरी को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है। सभी नौ इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
टीके मिश्रा, अधीक्षण यंत्री: मिश्रा से सात करोड़ 95 लाख 7 हजार 892 रुपए की वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया है। 11 केवीए लाइन में सामग्री कम पाई गई। मंडला जिले में 42 प्रोजेक्ट में ठेकेदारों को 88 लाख रुपए का अधिक भगुतान किया गया। 24 हजार 554 बिजली कनेक्शन दिए जाने थे, लेकिन 21 हजार 766 हितग्राहियों को कनेक्शन देकर 77 लाख रुपए का अधिक भुगतान किया गया।
अशोक निकोसे, अधीक्षण यंत्री: डिंडौरी में पदस्थ रहे निकोसे को भी सौभाग्य योजना में कई तरह की अनियमितताओं का दोषी ठहराया गया है। निकोसे से 1 करोड़ 65 लाख 97 हजार 386 रुपए वसूल किए जाने का फैसला लिया है।
अमित कुमार विश्वकर्मा, कार्यपालन अभियंता: डिंडौरी में सौभाग्य योजना के क्रियांवयन में बिना कनेक्शन कार्यों का सत्यापन कर 88 लाख 63 हजार 488 रुपए की क्षति पहुंचाए जाने के लिए जवाब मांगा गया है।
दो एई तीन जेई से भी होगी वसूली: राकेश कुमार बघेल सहायक अभियंता से (62 लाख 80 हजार 494), शशांक चौरसिया सहायक अभियंता से (25 लाख 82 हजार 995), इंद्रपाल कनौजिया से (92 हजार 512), अनिल ठाकुर से (21 लाख 97 हजार 908) और लक्ष्मीनारायण सोनवानी से (2 लाख 76 हजार 567) रुपए वसूले जाएंगे।