प्राथमिकता सूची के आधार पर भूखंड होंगे आवंटित, वेबसाइट पर प्रदर्शित करने होगी जानकारी
Madhya Pradesh News: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। भोपाल, इंदौर सहित कई जिलों में गृह निर्माण सहकारी समितियों की सदस्यता में गड़बड़ी की शिकायत को देखते हुए सरकार ने नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब सभी समितियों को सदस्यता सूची वेबसाइट पर सार्वजनिक करनी पड़ेगी। साथ ही यह भी बताना होगा कि किस सदस्य को भूखंड आवंटित किया है और कितने सदस्य बाकी हैं।
यह भी बताना होगा कि संस्था के पास यदि भूमि उपलब्ध है तो उसके उपयोग के लिए क्या कार्ययोजना है। प्रतिवर्ष भूखंड आवंटन के लिए प्राथमिकता सूची भी तैयार करनी होगी और उसमें कोई परिवर्तन होता है तो विभाग को जानकारी देनी पड़ेगी।
ऐसा नहीं करने पर संस्था के पदाधिकारियों के विरुद्घ सहकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में चार हजार से ज्यादा सहकारी गृह निर्माण समितियां हैं। अपात्रों को भूखंड देने को लेकर सदस्यों द्वारा कई शिकायतें की गई हैं। इसके मद्देनजर अभियान चलाकर सरकार ने पात्र सदस्यों को भूखंड भी आवंटित कराए हैं पर समस्या का पूरी तरह से समाधान अब तक नहीं हो पाया है।
सहकारिता विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि पात्रों को भूखंड मिलना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही ऐसी व्यवस्था भी बनाई जाए, जिससे निगरानी की जा सके। इसके लिए विभाग के आयुक्त संजय गुप्ता ने सभी गृह निर्माण सहकारी समितियों को वेबसाइट बनाने और उसमें सदस्यों से जुड़ी पूरी जानकारी दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
पोर्टल बनाया पर नहीं दी जानकारी
संयुक्त पंजीयक अरविंद सिंह सेंगर ने बताया कि विभाग ने गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के लिए अलग से पोर्टल भी बनाया है पर इसके लिए भी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इसे देखते हुए अब यह अनिवार्य कर दिया है कि सभी संस्थाओं को सदस्यों की सूची सार्वजनिक करनी होगी।
प्राथमिकता सूची के आधार पर ही भूखंड दिए जाएंगे। यदि सूची में कोई परिवर्तन किया जाता है तो सदस्य को रजिस्टर्ड डाक से सूचना भेजी जाएगी। इसकी प्रति उप पंजीयक को भी देनी होगी। संस्था को रिक्त भूखंड और उसके उपयोग की कार्ययोजना भी बतानी होगी। इससे भूखंड आवंटन की गड़बड़ी पर अंकुश लगेगा और जिम्मेदारी भी तय होगी।