Madhya Pradesh News: भोपाल (नईदुनिया स्टेट ब्यूरो)। राज्य सरकार ने 18 जनवरी को स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक बुलाई है। इसमें पन्ना के मझगंवा स्थित एनएमडीसी (नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) की हीरा खदान की लीज बढ़ाने और श्योपुर के कुनो पालपुर नेशनल पार्क में चीता परियोजना को मंजूरी दी जा सकती है।
मझगंवा में एशिया की पहली मैकेनाइज्ड खदान है, जो लीज खत्म होने के कारण 31 दिसंबर 2020 को बंद कर दी गई है। इसे लेकर दो दिन पहले खनिज मंत्री एवं पन्ना विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले थे। खनिज विभाग ने परियोजना की लीज वृद्धि का प्रस्ताव सीधे केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेज दिया था, जो लौटा दिया गया, क्योंकि प्रस्ताव पर स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की मुहर नहीं लगी थी।
बैठक में चीता परियोजना को मंजूरी देने पर भी विचार होना है। सेंट्रल एम्पॉवर्ड कमेटी की सब कमेटी को चीता के लिए कुनो पालपुर ही पसंद आया है। इस पार्क में एशियाटिक लॉयन (बब्बर शेर) परियोजना पहले से चल रही है, इसलिए सरकार को चीता परियोजना के लिए सहमति देनी होगी।
वैसे भी गिर के शेर आने का सपना साकार होता नहीं दिखाई दे रहा है। खरमौर ब्रीडिंग परियोजना, छत्तीसगढ़ और असम के जंगली भैंसों को मध्य प्रदेश में बसाने, तीन बाघों की शिफ्टिंग, करैरा और घाटीगांव अभयारण्य की भूमि डिनोटिफाई करने और बुरहानपुर-सागर में नए अभयारण्य खोलने के प्रस्ताव भी बोर्ड के सामने रखे जाएंगे।
कुनो पालपुर पार्क वर्ष 2004 से बब्बर शेरों को बसाने के लिए तैयार है, पर गुजरात सरकार शेर नहीं दे रही है। शेर परियोजना अभी रोकी नहीं गई है। इससे पहले ही चीता परियोजना के लिए कुनो पालपुर पसंद कर लिया। इतना ही नहीं, नवंबर-20 में कुनो पहुंचे विशेषज्ञों के दल ने भी इसे चीता के अनुकूल पाया है। अब राज्य सरकार तय करेगी कि कुनो में शेर बसाए जाएं या चीते।