भोपाल (राज्य ब्यूरो)। देश में चीता लाए जाने को लेकर भारत सरकार अगले हफ्ते नामीबिया या दक्षिण अफ्रीका सरकार से अनुबंध कर सकती है। इस तैयारी को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने भी चीता लाने की तैयारियां तेज कर दी हैं। वन अधिकारियों और विशेषज्ञों का दल रविवार को दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना हो गया है। यह दल नामीबिया भी जाएगा। दल करीब 10 दिन वहां रहेगा और चीता की देखरेख सहित अन्य तकनीकी प्रशिक्षण लेगा। पहले चरण में 12 चीता लाए जा सकते हैं।
दल में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथारिटी (एनटीसीए) के डीआइजी राजेंद्र दरबार, कूनो पालपुर नेशनल पार्क के वनमंडल अधिकारी (डीएफओ) प्रकाश वर्मा, एसीएफ अमृतांशु सिंह, डा. ओंकार अंचल शामिल हैं। मध्य प्रदेश के मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक जेएस चौहान ने बताया कि दल चीता की देखरेख, उसे बेहोश कर शिफ्ट करने और उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने का प्रशिक्षण लेगा ताकि कूनो पालपुर में बसाए जाने के बाद उनकी देखरेख में कहीं कोई परेशानी न हो। सूत्र बताते हैं कि एनटीसीए और राज्य के वरिष्ठ वन अधिकारियों की नामीबिया सरकार के बड़े अधिकारियों से भी लगातार बात हो रही है। वे चीता देने को तैयार भी हो गए थे पर एक शर्त के कारण भारत सरकार पीछे हटी थी।
नामीबिया सरकार साइटिस (कन्वेंशन आन इंटरनेशनल ट्रेड आफ इंडेंजर्ड स्पीसीज) के खिलाफ भारत सरकार का साथ चाहती थी। यह संस्था वन्यप्राणियों के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करती है और नामीबिया सरकार चीतों को मारकर उनके अंग बेचने की अनुमति देती है। इस मामले में संस्था ने नामीबिया पर दबाव बनाया हुआ है। इसमें कोई और देश उसका साथ नहीं दे रहा है। जानकार बताते हैं कि नामीबिया अब इस शर्त को हटा रहा है।
अगस्त तक चीता आने की उम्मीद
नए समीकरणों के बीच अगस्त तक 12 चीता मध्य प्रदेश आने की उम्मीद जताई जा रही है। अधिकारियों को कहना है कि अगले हफ्ते अनुबंध होने के बाद चीता लाने की तैयारी शुरू हो जाएगी। चीता कैसे लाए जाएंगे, रास्ता क्या होगा आदि लगभग तय है, बस अनुबंध का इंतजार है।