भोपाल (नईदुनिया स्टेट ब्यूरो)। Madhya Pradesh Government Crisis स्व. माधवराव सिंधिया के समय से सिंधिया खेमे से जुड़े रहे पूर्व मंत्री व मप्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जब से लोकसभा चुनाव हारे थे, तब से वे अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित थे। वे कांग्रेस और अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस करने लगे थे। रावत ने सिंधिया के भाजपा में जाने की आलोचना की और कहा कि उनके इस फैसले से वे व्यक्तिगत रूप से आहत हुए, इससे काफी पीड़ा हुई है।
भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में रावत ने यह बातें कहीं। उन्होंने भाजपा को फासीवादी पार्टी बताया। रावत ने कहा कि जब माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी तो कांग्रेस विचारधारा को लेकर नई पार्टी बनाई थी। उन्होंने भाजपा जैसी फासीवादी पार्टी में जाने का फैसला नहीं किया था, तब वे (रावत) उनके साथ गए थे। मगर आज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा में जाकर गलत फैसला किया है।
कांग्रेस में इंदिरा व राजीव गांधी की भी हो गई पूर्ति
पूर्व मंत्री रावत ने कहा कि कांग्रेस से किसी नेता के जाने के बाद उसकी पूर्ति हो जाती है। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी नहीं रहे तो उनकी पूर्ति हो गई तो सिंधिया के पार्टी से चले जाने के बाद उनका स्थान भर जाएगा। सिंधिया जब पार्टी में थे तो 2003, 2008 व 2013 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ग्वालियर-चंबल में कम सीटें क्यों आई थीं। 2018 में जब सीटें बढ़ीं तो उनके कारण नहीं, बल्कि क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस को जिताया। उन्होंने सिंधिया को भाजपा में सम्मानित स्थान नहीं मिल पाने की बात कही।
विभीषण बताकर अपमान किया
सिंधिया के स्वागत भाषण में भाजपा द्वारा विभीषण की संज्ञा दिए जाने की रावत ने निंदा की और कहा कि अगर उन्हें हनुमान कहा जाता तो उचित होता, लेकिन भाजपा ने विभीषण कह कर सिंधिया को अपमानित किया है। इससे वे व्यक्तिगत रूप से आहत हुए।
मनाने के प्रयास करना थे
रावत ने सिंधिया की कांग्रेस में अनदेखी होने के आरोप पर कहा कि वे प्रदेश के एकमात्र ऐसे नेता रहे हैं, जिनके लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के घर के दरवाजे हमेशा खुले रहते थे। उन्होंने सिंधिया को गद्दार कहे जाने को अमर्यादित बताया। रावत ने प्रदेश कांग्रेस नेताओं से यह जरूर अपेक्षा की कि जब सिंधिया नाराज चल रहे थे तो उन्हें पार्टी में बने रहने के लिए प्रयास करना चाहिए थे।