चीता की देखरेख का सलीका सीखने दक्षिण अफ्रीका जाएंगे मध्य प्रदेश के वन अधिकारी
23 फरवरी तक रुकेंगे अधिकारी और तय करेंगे कि चीता कब, कितने, कैसे और किस माध्यम से आएंगे
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Fri, 11 Feb 2022 05:33:37 PM (IST)
Updated Date: Fri, 11 Feb 2022 06:39:23 PM (IST)
भोपाल(राज्य ब्यूरो)। देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार को देखते हुए दक्षिण अफ्रीका से चीता लाने की परियोजना पर फिर से काम शुरू हो गया है। अब मध्य प्रदेश के मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक जसवीर सिंह चौहान सहित केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के अधिकारी 17 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका जा रहे हैं। ये अधिकारी वहां 23 फरवरी तक रुकेंगे और तय करेंगे कि चीता कब, कितने, कैसे और किस माध्यम से देश में आएंगे।
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिला स्थित कूनो पालपुर नेशनल पार्क में चीता बसाए जाने की योजना है। सरकार ने नवंबर 2021 तक चीता लाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण प्रक्रिया में देरी हुई है। दरअसल, चीता लाने की रणनीति बनाने के लिए देश और प्रदेश के वन अधिकारियों को अक्टूबर 2021 में दक्षिण अफ्रीका जाना था, पर ऐन वक्त पर इस सूची में केंद्रीय वन मंत्री का नाम शामिल हो गया।
सूची प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंची, तो वनमंत्री की यात्रा के औचित्य पर सवाल उठ गए। इस वजह से यात्रा रोक दी गई। वनमंत्री का नाम हटाकर नए सिरे से सूची नवंबर 2021 में जारी हुई यानी अधिकारियों को दिसंबर 2021 में दक्षिण अफ्रीका जाना था पर कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो गई और यात्रा फिर रोक दी गई। अब तीसरी बार यात्रा तय हुई है।
इसके बाद जाएंगे मैदानी अधिकारी
अधिकारियों की इस यात्रा के बाद कूनो पालपुर नेशनल पार्क के मैदानी अधिकारी यानी संचालक, रेंजर, डाक्टर और दो वनकर्मी यात्रा पर जाएंगे। वे वहां चीता के रहन-सहन और इलाज का प्रशिक्षण लेंगे।