राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल(MP News)। मध्य प्रदेश की पहली मेडिसिटी उज्जैन में बनेगी। इसमें मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त नर्सिंग कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज, अनुसंधान सुविधा के अतिरिक्त डॉक्टर, अधिकारी-कर्मचारियों के लिए आवास उपलब्ध रहेंगे।
मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन गुरुवार (21 नवंबर) को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। इसे वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ के पहले प्रारंभ करने की तैयारी है। कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटें होंगी। इसके अतिरिक्त इसमें अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं वाला 550 बिस्तर का अस्पताल रहेगा।
कॉलेज में बाद में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। कॉलेज 592 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। बता दें, विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में प्रत्येक संभागीय मुख्यालय में एम्स की तरह मेडिसिटी बनाने का वादा किया था। मेडिसिटी के बनने से उज्जैन शहरवासियों सहित जिले और आस-पास के इलाके के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बड़े शहरों या दूसरे राज्यों में जाने की जरूरत नहीं होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि उज्जैन में प्रदेश की पहली मेडिसिटी बनने जा रही है। राज्य सरकार चिकित्सा सेवा और चिकित्सा शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में चिकित्सा सेवा और आयुष के माध्यम से स्वास्थ्य और चिकित्सा को समग्रता में देखते हुए नई अवधारणा पर कार्य हो रहा है।
मध्य प्रदेश में प्रत्येक 200 किमी पर एक एयरपोर्ट बनाया जाएगा। ये एयरपोर्ट (पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप) पीपीपी मोड पर बनाए जाएंगे। वहीं, 150 किमी की दूरी पर हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी ताकि प्रदेश में जिला स्तर पर सुदूर अंचल में पहुंचने के लिए हवाई यातायात उपलब्ध हो सके।
हवाई पट्टियों का विकास होने से प्रदेश में पर्यटन और उद्योग की संभावनाएं विकसित होगी। दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार अपनी नई विमानन (एविएशन) नीति बना रहा है। इसके तहत प्रदेश सरकार निवेश को प्रोत्साहित करने कार्ययोजना बनाकर काम करेगी।
इसमें यातायात को सुगम बनाने के लिए हवाई सेवाओं के विस्तार पर फोकस किया जा रहा है। इसके अलावा प्रत्येक विकासखंड स्तर पर एक हेलीपैड बनाया जाएगा।
यह कार्य लोक निर्माण विभाग करेगा। रीजनल कनेक्टिविटी योजना उड़ान के तहत कम दूरी की उड़ानें संचालित की जा रही हैं।
धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए छोटे विमान संचालित किए जाएंगे। धार्मिक एवं अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को वायु सेवा से जोड़ने के लिए पर्यटन विभाग वेंचुरा, अर्चना एयरवेज जैसी सहायता प्राप्त योजनाएं लाने जा रहा है। विमानन विभाग और पर्यटन विभाग के बीच सहमति बन गई है। पर्यटन विभाग पीपीपी के तहत छोटे रूट पर विमानों का संचालन शुरू करने पर काम कर रहा है।