Madhya Pradesh BJP: भोपाल(राज्य ब्यूरो)। गुजरात में भाजपा ने पहली बार शक्ति केंद्र बनाने का प्रयोग किया था। इसमें कुछ बूथों पर शक्ति केंद्र बनाए गए थे। यह प्रयोग सफल रहा है। मध्य प्रदेश में इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी ने शक्ति केंद्र बनाने की कवायद प्रारंभ की है। इसके तहत दिग्गज नेताओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में मोर्चा संभाल लिया है और जनता की नब्ज टटोलने का काम कर रहे हैं।
खासतौर पर उन क्षेत्रों में अधिक ध्यान दिया जा रहा है, जो कमजोर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता और मप्र के सह प्रदेश प्रभारी रामशंकर कठेरिया ज्योतिरादित्य सिंधिया व नरेंद्र सिंह तोमर के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल संभाग में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव महाकोशल क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा जबलपुर और संगठन महामंत्री हितानंद ने उमरिया में फीडबैक लिया है। पार्टी के अन्य नेता भी विभिन्न क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे हैं।
यह हैं शक्ति केंद्र
मध्य प्रदेश में भाजपा अब तक मंडल स्तर(विकास खंड) से सारे कामकाज की निगरानी करती रही है लेकिन गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने आठ से 10 बूथों पर एक शक्ति केंद्र बनाया था। पार्टी ने चुनाव की सारी तैयारियों की जिम्मेदारी इन्हीं शक्ति केंद्रों को दी थी। प्रदेश स्तर से लेकर हर स्तर पर सीधे शक्ति केंद्रों की निगरानी की गई। इसके परिणाम बढ़िया आए। पहले मंडल स्तर के पास जो अधिकार थे, वह शक्ति केंद्रों को सौंप दिए गए। इन शक्ति केंद्र में एक संयोजक और एक प्रभारी की नियुक्ति की गई थी।
सक्रिय हुए बड़े नेता
विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव पिछले कुछ दिनों से नर्मदापुरम संभाग में दौरे कर रहे हैं। हरदा-नर्मदापुरम और बैतूल जिलों में कोर कमेटी की बैठक लेने के बाद अब वे चंबल संभाग में निकल गए हैं।
वहीं भाजपा के लिए कमजोर कड़ी माने जा रहे ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता औ मप्र के सह प्रदेश प्रभारी रामशंकर कठेरिया दौरे कर रहे हैं। कठेरिया खुद अनुसूचित जाति के नेता हैं और इन दोनों संभाग में अजा वोटबैंक भाजपा से पिछले विधानसभा चुनाव 2018 से नाराज है।
दरअसल, एट्रोसिटी एक्ट में हुए संशोधन के बाद 2016 में भारत बंद के दौरान इस अंचल में आठ लोगों की मौत हुई थी, सैकड़ों एफआइआर दर्ज होने के कारए यह वर्ग भाजपा से दूर हो गया था। यही वजह है कि कुछ महीनों पहले ग्वालियर और मुरैना में महापौर का चुनाव भी भाजपा हार गई थी। जबकि दोनों क्षेत्र केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के प्रभाव वाले क्षेत्र हैं।
प्रदेश संगठन महांमत्री हितानंद विंध्य क्षेत्र के जिलों में दौरे कर रहे हैं। वे रीवा- सीधी सहित उमरिया में कार्यकर्ताओं को साध रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बंदेलखंड के टीकमगढ़ में जाकर ग्रामीणों को भूखंड के अधिकार पत्र बांट रहे हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा महाकोशल में बैठक ले रहे हैं।
इनका कहना है
गुजरात में शक्ति केंद्र के कारण ही विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक सफलता मिली। दरअसल मंडल स्तर ज्यादा बूथ होने के कारण हर बूथ की निगरानी नहीं हो पाती है। शक्ति केंद्र में आठ-दस बूथ होने से उनकी मानीटरिंग बहुत अच्छे तरीके से होती है। शक्ति केंद्र के संयोजक और प्रभारी सीधे राज्य नेतृत्व के संपर्क में रहते हैं। मप्र में भी संगठन ने इस दिशा में काम शुरू कर है।
- जीतू जिराती, उपाध्यक्ष मप्र भाजपा