Madhya Pradesh Assembly: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का अंतिम शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से होगा। पांच दिवसीय इस सत्र में सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष का द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी। इसके साथ ही नगर पालिक विधि संशोधन, लोक सुरक्षा विधेयक सहित अन्य संशोधन विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे। विधानसभा सचिवालय ने रविवार को सत्र बुलाए जाने की अधिसूचना जारी कर दी।
प्रदेश में अगले साल विधानसभा का चुनाव होगा। दिसंबर 2023 में 16वीं विधानसभा का गठन होगा। सदस्यों की शपथ के लिए सत्र बुलाया जाएगा, लेकिन इसमें अन्य कोई शासकीय कार्य नहीं होगा। फरवरी-मार्च 2024 में होने वाले बजट सत्र से विधिवत कार्य प्रारंभ होगा।
विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह का कहना है कि चुनाव होने के बाद नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया में कुछ समय लगता ही है। उधर, सरकार ने 19 दिसंबर से होने वाले शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत किए जाने वाले द्वितीय अनुपूरक बजट की तैयारी को अंतिम रूप देना प्रारंभ कर दिया है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह दस हजार करोड़ रुपये से अधिक का होगा। इसमें अधोसंरचना विकास के कार्यों के लिए प्राथमिकता के आधार पर विभागों को अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
इसके अलावा नगरीय विकास एवं आवास विभाग किराएदारी अधिनियम विधेयक, गृह विभाग भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे, बिजली के पर्याप्त प्रबंध के लिए लोक सुरक्षा अधिनियम, आनलाइन गेम्स पर नियंत्रण के लिए विधेेयक प्रस्तावित हैं। सत्र के अंतिम दिन 23 दिसंबर शुक्रवार को अशासकीय संकल्प प्रस्तुत किए जाएंगे।
अध्यक्ष को संबोधित करते हुए न दें सूचनाएं
विधानसभा सचिवालय ने सदस्यों को पत्र लिखकर कहा है कि कार्य संचालन नियम के अनुसार कोई भी सूचना विधानसभा सचिवालय को दी जाए। अभी देखने में यह आया है कि कई सदस्य अध्यक्ष को संबोधित करते हुए सूचनाएं देते हैं जो नियमानुसार सही नहीं है। डाक से भी सूचनाएं भेजी जा सकती हैं। सत्र के दौरान ऐसा कोई विषय भी नहीं उठाया जाएगा, जो न्यायालय में विचाराधीन हो।
सत्र की कम अवधि पर कांग्रेस ने उठाई आपत्ति
शीतकालीन सत्र पांच दिवसीय बुलाने पर कांग्रेस विधायक दल ने आपत्ति उठाई है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि इतनी कम अवधि में किस विषय पर चर्चा हो पाएगी। लगातार सत्रों की अवधि कम होती जा रही है। आखिर सरकार सदन में चर्चा से भाग क्यों रही है। वह क्यों जनहित के मुद्दों पर उत्तर नहीं देना चाहती है। उधर, संसदीय कार्यमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस की आपत्ति पर कहा कि जो भी सत्र होता है, उसमें केवल हंगामा करते हैं। सदन चर्चा के लिए होता है, पर वहां हंगामा करके कार्य को बाधित किया जाता है। कांग्रेस जो भी जनहित के मुद्दे उठाएगी, सरकार उस पर चर्चा कराने के लिए तैयार है। यह महत्वपूर्ण सत्र है। इसमें द्वितीय अनुपूरक बजट के साथ अन्य महत्वपूर्ण संशोधन विधेयक आएंगे। आनलाइन गेम्स पर नियंत्रण के लिए विधेयक का प्रारूप तैयार हो गया है। इसे विचार के लिए वरिष्ठ सचिव समिति को भेजा गया है।