Madhya Pradesh Assembly Session: भोपाल। नवदुनिया स्टेट ब्यूरो। प्रदेश सरकार वर्ष 2021-22 के लिए विधानसभा में मंगलवार को प्रथम अनुपूरक अनुपूरक (बजट) प्रस्तुत करेगी। इसमें कोरोना संकट से निपटने के लिए स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा सहित अन्य विभागों को अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, मिलावटी (जहरीली) शराब के कारोबार पर नकेल कसने के लिए आबकारी अधिनियम में संशोधन और अवैध कॉलोनियों और निर्माण को वैध करने के लिए नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक सदन में प्रस्तुत किए जाएंगे।
विधानसभा में सोमवार को हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सत्र में प्रस्तुत होने वाले संशोधन विधेयकों पर चर्चा कराने के लिए समय निर्धारित किया गया। सरकार की ओर से मंगलवार को सभी संशोधन विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे। वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा प्रथम अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोद्योग विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक और वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा मध्य प्रदेश माल और सेवा कर संशोधन विधेयक प्रस्तुत करेंगे। बताया जा रहा है कि बाढ़ के मुद्दे पर चर्चा कराने को लेकर अंतिम निर्णय विधानसभा अध्यक्ष लेंगे। संसदीय कार्यमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार स्थगन, ध्यानाकर्षण सहित अन्य माध्यम से चर्चा कराने के लिए तैयार है।
बाढ़ से हुए नुकसान के सर्वे में पात्र छूटे नहीं, अपात्र आए नहीं: शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में बाढ़ से 8832 लोगों को बचाया गया तथा 32 हजार को ऊंचे स्थानों पर राहत शिविरों में पहुंचाया गया। बाढ़ पीड़ितों को राहत एवं उनके पुनर्वास का कार्य पूरी तत्परता और कर्तव्यनिष्ठा से किया जाए। बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे सही एवं पारदर्शी हो। कोई भी प्रभावित व्यक्ति छूटे नहीं तथा किसी अपात्र व्यक्ति को लाभ न मिले, यह सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री सोमवार को बाढ़ राहत के लिए गठित 12 विभागों की टास्क फोर्स समिति की मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ले रहे थे। बैठक में सभी 12 विभागों के मंत्रीगण, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने नुकसान, कृषि मंत्री कमल पटेल ने फसलों की क्षति और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। जलस्रोतों को क्लोरीन आदि के माध्यम से स्वच्छ किया जाए। हैंड पंप चालू कराए जाएं। मंत्री ब्रिजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि पेयजल की शुद्धि, मलबे की सफाई व दवाओं के छिड़काव का कार्य जारी है।
शिवराज ने कहा कि जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें छह-छह हजार स्र्पये की तात्कालिक राहत तुरंत दी जाए। सर्वे के बाद मकान के लिए एक लाख 20 हजार स्र्पये भी दिए जाएंगे। बाढ़ प्रभावित हर परिवार को प्रति परिवार 50-50 किलो गेहूं या आटा मिल जाए, यह सुनिश्चित किया जाए। बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों तथा पुल-पुलियाओं की तेजी से मरम्मत हो। जिन पुलों की मरम्मत तुरंत संभव न हो, उनके वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था की जाए। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि बाढ़ से 189 छोटे पुल-पुलियाएं, सात बड़े पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। मार्गों की क्षति लगभग 207 करोड़ स्र्पये की है।
लोक स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित 386 गावों में 139 स्वास्थ्य केंद्र सेवाएं दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग को निर्देश दिए कि मृत पशुओं को दफनाने की व्यवस्था की जाए। पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने क्षति एवं राहत की जानकारी दी। खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने बताया कि बाढ़ से 180 उचित मूल्य दुकानें प्रभावित हुई हैं। राशन वितरण की वैकल्पिक व्यवस्था कर ली गई है। नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि बाढ़ग्रस्त नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल, बिजली, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
बांध एवं नहरों की मरम्मत
मुख्यमंत्री ने जलसंसाधन विभाग को निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त बांधों एवं नहरों की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर कराएं। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि बाढ़ से आठ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रभावित हुई है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने बताया कि बाढ़ प्रभावित अधिकांश स्थानों पर बिजली चालू हो गई है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग को निर्देश दिए कि जिनके मकान टूट गए हैं, उन्हें बनवाने के लिए मनरेगा के कनवर्जेन्स से एक लाख 20 हजार स्र्पये दिए जाने संबंधी कार्रवाई करें। ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने बताया कि बाढ़ से लगभग 100 करोड़ स्र्पये का नुकसान हुआ है।